भारतीय नववर्ष के प्रथम दिन से प्रारंभ होने वाला वासंतिक नवरात्र इस बार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा अर्थात 29 मार्च से प्रारंभ हो रहा है, जो पांच अप्रैल रामनवमी तक चलेगा। वासंतिक नवरात्र आठ दिन का होगा तथा द्वितीया तिथि की क्षय होगी।
नवरात्र व्रत का पारन दशमी तिथि अर्थात उदया तिथि के अनुसार छह अप्रैल को किया जाएगा। नवरात्र नवमी तिथि पांच अप्रैल को दोपहर 12.51 बजे तक है। अतः हवन इसके पूर्व ही कर लेना चाहिए।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर कार्यपालक समिति के सदस्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार इस बार बुधवार को मां जगदंबा का आगमन नौका पर हो रहा है जिसका फल सर्वकल्याण व मंगलकारी है।
वहीं गमन भी बुधवार को हाथी पर हो रहा है। यह भी बड़ा ही शुभ है। अर्थात इस बार बारिश के अच्छे संकेत हैं। सब मिलाकर माता का आगमन व गमन दोनों बुधवार को हो रहा है, जो अतिशुभ योग है।
ऐसा कम ही देखने को मिलता है। नवरात्र में घट स्थापन का मुहूर्त 29 मार्च को सुबह 5.30 बजे से 6.30 के मध्य श्रेयस्कर है। चूंकि इस बार के नवरात्र में प्रतिपदा तिथि सुबह 6.33 बजे तक ही है। इसके बाद अनुदया द्वितीया तिथि लग जाएगी। शास्त्रों के अनुसार घट स्थापना प्रतिपदा तिथि में ही होना चाहिए।