विवादास्पद तांत्रिक चंद्रास्वामी का निधन हो गया है। यूं तो चंद्रास्वामी मूल रूप से एक ज्योतिषी थे, लेकिन नरसिम्हा राव से करीबी के कारण पहली बार चर्चा में आए थे। इसके बाद तंत्र-मंत्र के अलावा राजनीतिक जोड़-तोड़, हथियारों के सौदागरों से संबंधों, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राव और उनकी सरकार के नाम पर सौदेबाजी में चंद्रास्वामी सर्वाधिक चर्चित रहे। जब तक कांग्रेस नेताओं का साथ रहा, चंद्रास्वामी की तूती बोलती रही, लेकिन जैसे ही कांग्रेस पार्टी ने छोड़ा और कांग्रेसी नेताओं से 36 का आंकड़ा हुआ, उनके बुरे दिन शुरू हो गए थे। गंभीर अपराधों के आरोप के कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा। एक नजर चंद्रास्वामी की जीवन से जुड़ी अहम बातों पर –
जन्म से जैन और मां काली के भक्त: 1948 में जन्में चंद्रास्वामी का असल नाम नेमी चंद था। वे जन्म से जैन थे, लेकिन बचपन में ही घर छोड़ दिया था और बाद में तपस्या कर सिद्धी हासिल कर ली थी। वे मां काली के भक्त थे।
राजीव गांधी हत्याकांड में हाथ का आरोप: राजीव गांधी हत्याकांड की जांच करने वाले जैन कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में चंद्रास्वामी का हाथ बताया था। इसके अलावा चंद्रास्वामी के आश्रम पर इनकम टैक्स का छपा पड़ा था जिसमे मशहूर हथियार तस्कर अदनान खशोगी को 11 मिलियन डॉलर की भारी भरकम रकम अदायगी के सबूत मिले थे। फेरा के आधा दर्जन से ज्यादा मामले चंद्रास्वामी के खिलाफ चल रहे थे। वह सत्ता के गलियारों में फंसे काम चुटकी बजाते ही कर देते थे।
लंबी है चंद्रास्वामी के भक्तों की फेहरिस्त: भारत में नरसिंह राव, नटवर सिंह, टीएन शेषन से लेकर राजेश खन्ना और आशा पारिख तक चंद्रास्वामी के भक्तों में शामिल थे। वहीं ब्रूनई के सुल्तान, बहरीन के शेख इसा बिन सलमान अल खलिफा, एक्ट्रेस एलिजाबेथ टेलर, पूर्व ब्रिटिश पीएम मार्ग्रेट थैचर, हरियारों के सौदागर अदनान खशोगी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम भी चंद्रास्वामी से परामर्श लेते थे।
अंग्रेजी नहीं आती थी, लेकिन बता दिया था कौन बनेगा ब्रिटेन का पीएम: ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्ग्रेट थैचर भी चंद्रास्वामी की भक्त थीं। 1975 में वे ब्रिटेन में थे और उन्होंने थैचर से मुलाकात कर भविष्यवाणी कर दी थी कि वे ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बनेंगी और ऐसा ही हुआ। इस बारे में भारत के पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने अपनी किताब ‘वॉकिंग विद लॉयन्स- टेल्स फ्रॉम अ डिप्लोमेटिक पास्ट’ में किया है।