वॉशिंगटन। पाकिस्तान को कूटनीतिक तौर पर अलग-थलग करने के साथ ही भारत उसके खिलाफ जमीनी कार्रवाई करने पर भी विचार कर रहा है।
भारत ऐसा पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थक नीति और सीमा पार आतंकवाद के चलते कर रहा है। यह बात डिफेंस इंटेलीजेंस एजेंसी के डायरेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल विसेंट स्टीवर्ट ने अमेरिकी संसद की रक्षा मामलों से जुड़ी समिति के समक्ष कही है। समिति दुनिया में व्याप्त खतरों पर विचार कर रही थी।
अमेरिका के शीर्ष खुफिया अधिकारी का यह बयान भारत-पाक सीमा पर स्थित नौशेरा सेक्टर में भारतीय सेना की कार्रवाई सार्वजनिक होने के एक दिन बाद आया है। यह कार्रवाई दो भारतीय जवानों की पाकिस्तानी सेना द्वारा गर्दन काटने की घटना के जवाब में की गई। स्टीवर्ट ने कहा, बड़े आतंकी हमलों के खतरे, कश्मीर में हिंसा और भारत-पाक संबंधों में कूटनीतिक खींचतान के चलते दोनों देशों के संबंध हाल के दौर की सबसे खराब स्थिति में पहुंच गए हैं। सितंबर 2016 में सेना के उड़ी बेस पर आतंकी हमले के बाद भारत ने सीमा पार जाकर कार्रवाई की। इसे काफी प्रचारित किया गया। इसने भी स्थिति को बिगाड़ा।
अफगानिस्तान में आतंकियों का इस्तेमाल कर रहा पाक : डायरेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल स्टीवर्ट ने समिति के समक्ष कहा, पाकिस्तान आतंकियों को शरण दे रहा है और उनका इस्तेमाल अफगानिस्तान के खिलाफ कर रहा है। उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में बढ़ते भारतीय प्रभाव से पाकिस्तान बेचैन है। इसी के चलते वह आतंकी संगठनों को पनाह दे रहा है और अफगानिस्तान में उनका इस्तेमाल कर रहा है। वैसे पाकिस्तान भी मानता है कि शांत और स्थिर अफगानिस्तान पूरे इलाके के हित में है।