मुंबई। भारतीय क्रिकेट टीम से जुड़े विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। नाटकीट घटनाक्रम के बाद नियुक्त किए गए चीफ कोच रवि शास्त्री अब जहीर खान को गेंदबाजी कोच के रूप में नहीं चाहते हैं।
शास्त्री जब टीम निदेशक थे उस वक्त भरत अरूण ही गेंदबाजी कोच थे। शास्त्री अब भी गेंदबाजी कोच के रूप में भरत अरूण की नियुक्ति चाहते हैं और वे इस बारे में शीघ्र ही बीसीसीआई के क्रिकेट प्रशासकों की समिति से मिलने वाले हैं। शास्त्री की इच्छा जहीर को गेंदबाजी सलाहकार के रूप में टीम के साथ जोड़ने की है।
शास्त्री ने कहा, चीफ कोच के रूप में मुझे अपने सपोर्ट स्टाफ की नियुक्ति की आजादी मिलनी चाहिए। अरूण के पास ज्यादा तकनीकी ज्ञान है और वे गेंदबाजों की कमियों को दूर करने में महारत रखते हैं। जहीर बहुत जानकार है, लेकिन उन्हें कोचिंग का अनुभव नहीं है। सबने देखा कि अनिल कुंबले के साथ क्या हुआ था। हम जहीर को अच्छे गेंदबाजी कोच के रूप में तैयार कर सकते हैं।
शास्त्री ने कहा कि यह भी देखना होगा कि क्या जहीर पूर्णकालिक रूप से यह दायित्व संभालने को तैयार है। वैसे जहीर और बोर्ड के बीच एक मामला और लंबित है। जहीर ने पिछले वर्ष कोच के रूप में 4 करोड़ रुपए की मांग की थी जो बीसीसीआई के अनुसार बहुत मोटी रकम है। इसके अलावा जहीर पूर्णकालिक दायित्व संभालने को तैयार नहीं है। बीसीसीआई के साथ एक अन्य समस्या यह है कि यदि जहीर पूर्णकालिक रूप से दायित्व संभालने को तैयार है तो बोर्ड को उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स का दायित्व छोड़ने का हर्जाना भी देना होगा।