नई दिल्ली। ऐसा लग रहा है कि बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी पर सीबीआई की एफआईआर के बाद बिहार की सियासत में जो भूचाल आया है, उसका अब सियासी काउंटडाउन शुरू हो चुका है। उसकी वजह है तेजस्वी मामले पर महागठबंधन के दोनों दलों की तरफ से अपने स्टैंड पर अड़े रहना। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जेडीयू ने जहां एक तरफ मोरल प्रेशर बनाया तो वहीं लालू यादव के छोटे बेटे ने भावुकता के साथ सफाई देते हुए साफ कर दिया कि वह जब ईमानदार हैं तो फिर इस्तीफा क्यों?
ऐसे में सवाल ये उठता है कि चार दिन की जो मोहलत नीतीश ने आरजेडी को दी है, उसके खत्म होने के बाद जेडीयू क्या फैसला लेगी? क्या टूट जाएगा बिहार का महाठबंधन? बताएंगे आपको इस बारे में कि आखिर क्या है राजनीतिक विश्लेषकों की राय। लेकिन आइए सबसे पहले बताते हैं कि किसने क्या कहा और तेजस्वी क्यों हुए आग बबूला।
रेलवे टेंडर घोटाले में लालू यादव के घर सीबीआई और राबड़ी-तेजस्वी से घंटों सीबीआई की पूछताछ के बाद जेडीयू ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करेगी। भ्रष्टाचार के खिलाफ नीतीश कुमार की एक खास छवि है, इसी छवि के चलते महागठबंधन ने भाजपा के विजय रथ को बिहार में रोका था। ऐसे में नीतीश की छवि पर किसी तरह का दाग पार्टी बर्दास्त करने के मूड में नहीं है। इस बारे में जेडीयू के महासचिव ने भी साफ कर दिया है कि नीतीश की छवि को कमजोर करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि अगर नीतीश पर उंगली उठी तो देश में भाजपा की राह आसान हो जाएगी।
तेजस्वी मामले पर जेडीयू की तरफ से दिए गए चार दिनों के अल्टीमेटम के बाद आरजेडी खेमे में बौखलाहट भी साफ नज़र आ रही है। जेडीयू के रुख साफ करने के बाद मीडिया के सामने आए तेजस्वी ने साफ किया है कि वह पाक साफ हैं, ऐसे में उन्हें इस्तीफा देने की क्या जरूरत है? तेजस्वी ने पूरे मामले को भाजपा की साजिश करार देते हुए कहा कि मूंछ नहीं आई थी, उस समय के आरोप लगाकर लोग मुझे घेरना चाहते हैं। लेकिन, इन सबके बीच तेजस्वी का मीडिया के ऊपर जो गुस्सा दिखा, वह हैरान करने वाला था। यानि, सीबीआई छापे के बाद जब लालू यादव अपने छोटे बेटे तेजस्वी के साथ मीडिया के सामने आए तो जो सवाल तेजस्वी से पूछे जा रहे थे, उससे वह असहज महसूस कर रहे थे।
यही वजह थी कि जब तेजस्वी से एक महिला पत्रकार ने आरोप को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने पत्रकार को प्रेस कॉन्फ्रेंस से बाहर जाने के लिए कह दिया था। सीबीआइ के छापे और इस्तीफे से संबंधित सवाल पूछने पर तेजस्वी ने मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए उसे भाजपापरस्त एवं गुंडा करार दिया था। लेकिन बात लालू यादव ने संभाली और तेजस्वी को नसीहत दी कि वो ब्रेकिंग न्यूज न दें। बात यहीं पर ख़त्म नहीं हुई। जेडीयू की बैठक के अगले दिन यानि बुधवार को सचिवालय में कैबिनेट की बैठक से बाहर निकलकर अपनी गाड़ी की ओर बढ़ रहे तेजस्वी से सवाल पूछने के लिए परेशान मीडियाकर्मियों से सुरक्षाकर्मी हाथापाई करने लगे।