कोच्चि मेट्रो ट्रेन के उद्घाटन समारोह के अवसर पर मंच पर श्रीधरन को न बुलाने से बवेला खड़ा हुआ है, लेकिन सूत्रों की मानें तो पीएमओ ने ऐसा जानबूझ कर किया है और पीएम मोदी ने उनके लिए काफी बड़ी भूमिका सोच रखी है.
कोच्चि मेट्रो का शनिवार को उद्घाटन है, लेकिन इसके लिए भेजे गए निमंत्रण पत्र में जब लोगों को मंच पर पीएम के साथ उपस्थित रहने वाले अतिथियों में देश के ‘मेट्रो मैन’ कहे जाने वाले ई श्रीधरन का ही नाम नहीं दिखा तो इस पर विवाद खड़ा हो गया. इस सूची में श्रीधरन का नाम न होने पर विपक्ष ने बीजेपी की आलोचना शुरू कर दी. केरल की पिनारी विजयन सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर कहा मंचासीन अतिथियों की सूची में बदलाव किया जाना चाहिए और उसमें श्रीधरन जैसे कई अन्य नाम शामिल किए जा सकते हैं.
गौरतलब है कि दिल्ली मेट्रो सहित देश के कई राज्यों में मेट्रो के निर्माण में अहम भूमिका रही है. सूत्रों का कहना है, ‘वास्तव में इस बात की प्रबल संभावना है कि श्रीधरन को 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए सत्तारूढ़ बीजेपी-एनडीए का कैंडिडेट बनाया जा सकता है. इसलिए उनका उम्मीदवारी की इस घोषणा से कुछ दिन पहले पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू के साथ मंच पर बैठना उचित नहीं होता. इसके अलावा पीएम मोदी खुद यह चाहते होंगे कि ऐसे व्यक्ति से सार्वजनिक स्तर पर दूरी बनाए रखें, जिसे एनडीए राष्ट्रपति कैंडिडेट के रूप में आगे बढ़ाना चाहती है.’
सूत्रों का तो यह भी कहना है कि श्रीधरन ने खुद इस पर इसलिए आपत्ति नहीं की, क्योंकि उन्हें इसके बारे में बताया जा चुका है. अब देखना यह होगा कि अगर वास्तव में बीजेपी ने राष्ट्रपति के लिए श् रीधरन का नाम आगे किया तो इसके बाद विपक्षी दल क्या रणनीति अपनाएंगे, क्योंकि उनके लिए श्रीधरन का विरोध करना आसान नहीं होगा.
खबरों के अनुसार केरल सरकार ने पीएमओ को उन 17 लोगों की सूची भेजी थी, जिन्हें पीएम मोदी के साथ मंच पर बैठना था. इसमें श्रीधरन का नाम शामिल था. इसके अलावा इसमें केरल में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नितला, पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी, स्थानीय विधायक पीटी थॉमस चेन्नितला और मुख्य सचिव नैलिन नेट्टो का नाम भी शामिल था. लेकिन पीएमओ ने सिर्फ छह लोगों के नाम को मंजूरी दी थी. इनमें केरल के गवर्नर पी सतशिवम, वेंकैया नायडू, मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन, यातायात मंत्री थॉमस चांडी, स्थानीय विधायक केवी थॉमस और कोच्चि की मेयर सौमिनी जैन शामिल हैं.