नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जीएसटी बिल से जुड़े चार सहायक कानूनों को मंजूरी दे दी है। संसद के दोनों सदनों में पास होने के बाद इन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया था और उन्होंने गुरुवार को इसे मंजूरी भी दे दी। इसके बाद माना जा रहा है कि 1 जुलाई से देश में जीएसटी लागू किए जाने का रास्ता साफ हो गया है।
इससे पहले वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा, कुछ व्यवसायों की ओर से की गई देरी की मांग के बावजूद भारत में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून का शुभारंभ 1 जुलाई को ही किया जाएगा जैसा कि पहले से निर्धारित है ताकि आर्थिक विकास और राज्य के राजस्व को बढ़ाया जा सके।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि केंद्रीय और राज्य सरकारें जीएसटी को लाने को लेकर पूरी तरह से तैयार हैं, उन्होंने कहा कि सिर्फ फर्मों के चलते उस कर को और नहीं टाला जाना चाहिए जिसके बनने में एक दशक से भी अधिक का समय लगा है। आजादी के बाद भारत का सबसे बड़ा कर सुधार माना जाने वाला जीएसटी कानून 2 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था को बदल देगा और 1.3 अरब की अर्थव्यवस्था को एक अप्रत्यक्ष कर के साथ सिंगल इकोनॉमिक जोन में तब्दील कर देगा।