Friday, December 6, 2024
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संसद: मॉब लिंचिंग पर हंगामे के दौरान स्पीकर पर कागज फेंके, 6 कांग्रेसी नेता सस्पेंड

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज शून्यकाल के दौरान अशोभनीय व्यवहार करने पर कांग्रेस के छह सदस्यों गौरव गोगोई, अधीर रंजन चौधरी, एम के राघवन, सुष्मिता देव, के सुरेश और रंजीत रंजन को सदन से पांच दिन के लिए निलम्बित कर दिया। वहीं लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। अगर कुछ लोग ही नियम तोड़ते हैं तो ऐसी घटनाएं होती रही हैं। मैं इसका समर्थन नहीं करता, लेकिन ऐसी सज़ा भी ठीक नहीं है, कल इसके विरोध में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि जब नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण होना है तो हमारे 6 सदस्यों को सस्पेंड कर देना उचित नहीं है।
गोरक्षा के नाम पर लोगों को पीट-पीट कर मारे जाने के मुद्दे को लेकर सदन में शून्यकाल में विपक्षी सदस्यों के हंगामा करने और कागजात फाड़कर अध्यक्ष के आसन की तरफ फेंके जाने के बाद सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद अपराह्न दो बजे सदन कार्यवाही शुरू होते ही श्रीमती महाजन ने सदस्यों के इस बर्ताव पर गहरा खेद और चिंता जताते हुए कहा कि सदस्यों का यह आचरण सदन की मर्यादा और गरिमा के विपरीत है। इसलिए उन्हें सदन की कार्यवाही से पांच दिन के लिए निलम्बित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि शून्यकाल के दौरान मल्लिकाजुर्न खडगे और कुछ अन्य सदस्य दलितों पर अत्याचार के बारे में चर्चा कराना चाह रहे थे, जिस पर उन्होंने चर्चा कराए जाने का आश्वासन दिया था और संसदीय कार्यमंत्री अनन्त कुमार ने भी इस संबंध में आश्वासन दिया था लेकिन कुछ सदस्यों ने आसन के निकट आकर हंगामा किया। उनसे अपनी सीटों पर जाने का बार बार अनुरोध किया गया लेकिन गोगोई ने आसन के पास मेज से कागज उठाए, उन्हें लहराया और फिर आसन की तरफ फेंक दिया।
सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस और तणमूल कांग्रेस सदस्य आसन के समक्ष आकर गो रक्षा के नाम पर हमलों एवं कथित हत्याओं पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार से आवश्यक कदम उठाने की मांग करने लगे। कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह राष्ट्रीय महत्व का विषय है। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र की हत्या हो रही है और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। लोकसभा अध्यक्ष ने इन सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने और शून्यकाल में उन्हें अपने मुद्दे उठाने की अनुमति दिए जाने की बात कही और हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल की कार्यवाही संचालित की।
उन्होंने कहा कि सदन को संचालित करने के नियम सभी ने मिल कर बनाए हैं और सभी सदस्यों का दायित्व है कि वे इन नियमों का पालन करें। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि मुद्दे को उठाने का यह कोई तरीका नहीं है और वह प्रश्नकाल स्थगित कर उन्हें यह मुद्दा उठाने की अनुमति कतई नहीं देंगी लेकिन शून्यकाल में जरूर वह ऐसा करेंगी। हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल चला और कई मंत्रियों ने अपने विभागों से संबंधित सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब दिया। हालांकि हंगामे के बीच मंत्रियों के जवाब ठीक से नहीं सुने जा सके। कांग्रेस के सदस्य आसन के पास बैठकर नारेबाजी करने लगे।

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