भोपाल। आंखों पर धूप का चश्मा और सामान्य कपड़ों में राजधानी की सड़कों पर इस महिला अफसर को देख एकबारगी आप धोखा खा सकते हैं। ब्यूटी किसी एक्ट्रेस से कम नहीं और चुस्ती-फुर्ती चीते जैसी। इरादे एकदम लोहे जैसा सख्त। इनकी अंगुलियां एके-47 पर वैसे ही थिरकती हैं, जैसे गिटार पर बजाने वाले के। किसी भी गफलत में फंसे तो निपटाने में टाइम बिल्कुल ही नहीं लगेगा। नाम है- संजुक्ता पारासोर।
फिलहाल ये एनआइए की ऑफिसर हैं और भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट की जांच करने गुरवार को ही यहां आई हुई हैं। इस सिलसिले में उन्होंने कई बैठकें की और तथ्यों की जानकारी अफसरों से ली। साथ ही अपनी सूचनाओं पर भी चर्चा की। उनके यहां आने के पहले ही पुलिस महकमे में उनकी चर्चा चल रही थी।
संजुक्ता पाराशर अभी एनआइए में पोस्टेड हैं और एसपी के पद पर हैं। वे असम की पहली महिला आइपीएस अफसर भी हैं, जिन्होंने असम के शोणितपुर में कमाल का काम किया है। आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन में उन्होंने तब सीआरपीए के साथ एके-47 थामा था और कहर बन कर टूटी थीं।
वर्ष 2015 में संजुक्ता ने बोडो आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था, जिसमें सीआरपीएफ के साथ मिलकर टीम को लीड किया था। महज 15 माह में ही 16 उग्रवादियों को मार गिराया था। लगभग 70 आतंकियों को जिंदा पकड़ा था, जिनसे बाद में अहम सूचनाएं मिली थीं। 2013 से लेकर 2015 तक इस लेडी अफसर ने सैकड़ों आतंकियों को पकड़ा था। उनकी उच्च शिक्षा दिल्ली के जेएनयू और इंडोनेशिया में हुई है। उनके पति भी आइएएस ऑफिसर हैं। 2008 में उनको पहली पोस्टिंग मिली थी।
एक्ट्रेस जैसी सुंदर इस लेडी अफसर के हाथों पर नाचती है एके-47
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