Wednesday, February 5, 2025
HomeUncategorizedचीन के इस प्रांत में 'सद्दाम' और 'जिहाद' जैसे नामों पर पाबंदी

चीन के इस प्रांत में ‘सद्दाम’ और ‘जिहाद’ जैसे नामों पर पाबंदी

चीन ने अशांत मुस्लिम बहुल शिनझियांग प्रांत में बच्चों के सद्दाम और जिहाद जैसे दर्जनों इस्लामी नाम रखने पर पाबंदी लगा दी है. जिसके बारे में एक प्रमुख मानवाधिकार समूह का कहना है कि इस कदम से इस समुदाय के बच्चे शिक्षा और सरकारी योजनाओं के लाभों से वंचित होंगे. मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) का कहना है कि शिनझियांग के अधिकारियों ने हाल ही में धार्मिक संकेत देने वाले दर्जनों नामों पर प्रतिबंध लगा दिया है जो दुनियाभर में मुस्लिम समुदाय में आम हैं.

पाबंदी लगाने के पीछे कारण बताया गया है कि इन नामों से धार्मिक भावनाएं तेज हो सकती हैं. रेडियो फ्री एशिया ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि सत्तारूढ़ चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के जातीय अल्पसंख्यकों के नाम रखने के नियमों के तहत बच्चों के इस्लाम, कुरान, मक्का, जिहाद, इमाम, सद्दाम, हज और मदीना जैसे कई नाम रखने पर रोक लगाई गई है.

संगठन ने कहा है कि प्रतिबंधित नाम वाले बच्चे हुकोउ यानी घर का पंजीकरण नहीं हासिल कर सकेंगे जो सरकारी स्कूलों और अन्य सामाजिक सेवाओं का लाभ उठाने के लिए जरूरी है. नया फैसला इस संकटग्रस्त क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ चीन की लड़ाई का हिस्सा है. इस क्षेत्र में एक करोड़ मुस्लिम उइगर जातीय अल्पसंख्यक आबादी रहती है.

मानवाधिकार संगठन का क्या है कहना
एचआरडब्ल्यू का कहना है कि धार्मिक कट्टरता को रोकने के नाम पर धार्मिक आजादी पर लगाम लगाने के नियमों की कड़ी में ये ताजा फैसला है. शिनझियांग में उइघर समुदाय और बहुसंख्यक हान के बीच टकराव की घटनाएं आम बात है. हान समुदाय का सरकार पर भी नियंत्रण है. एचआरडब्ल्यू ने कहा कि नामों की पूरी सूची अभी तक प्रकाशित नहीं की गई है.

वहीं 1 अप्रैल को शिनझियांग प्रशासन ने नए नियमों के तहत सार्वजनिक स्थानों पर ‘असामान्य’ दाढ़ी या घूंघट पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया और राज्य के टीवी या रेडियो कार्यक्रमों को देखने से इनकार करने के लिए दंड लगाया था. एचआरडब्ल्यू ने कहा कि इन नीतियों ने विश्वास और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन किया है.

RELATED ARTICLES
Continue to the category

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments