नयी दिल्ली: अभिव्यक्ति की आजादी के मुद्दे पर अपने विचारों को लेकर चर्चा में आई दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा गुरमेहर कौर के समर्थन में आज क्रिकेटर गौतम गंभीर आए, वहीं छात्रा का मजाक उड़ाने पर हो रही आलोचना के बाद वीरेंद्र सहवाग रक्षात्मक हो गए हैं।
इस मामले पर कड़ा रूख लेते हुए गंभीर ने ट्वीट कर कहा कि ‘युद्ध की भयावहता’ को लेकर शहीद की बेटी गुरमेहर के नजरिये का मजाक उड़ाना या गोलबंदी करना बेहद घृणित था। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पूर्ण और सभी के लिए है। इस मुद्दे पर गंभीर की राय पूर्व क्रिकेटर सहवाग के नजरिये से बिल्कुल अलग है। यह संयोग है कि दोनों ने लंबे समय तक टीम इंडिया के लिए साथ पारी की शुरुआत की है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ समर्थित छात्र संगठन एबीवीपी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपने रूख और भारत तथा पाकिस्तान के बीच शांति की वकालत को लेकर अपने वीडियो अभियान की वजह से गुरमेहर को सोशल मीडिया पर काफी तीखी टिप्पणियों का सामना करना पड़ा था। सहवाग ने कई ट्वीट कर खुद का बचाव करते हुए दावा किया कि कौर के पोस्ट के जवाब में सोशल मीडिया पर किया गया उनका पोस्ट एक मजाक का प्रयास था न कि किसी की राय को लेकर उसको धमकाना। उन्होंने कहा कि सहमति और असहमति भी कोई कारक नहीं थी।
सहवाग ने ट्वीट किया कि उसे (गुरमेहर) को अपनी राय व्यक्त करने का पूरा हक है और यदि कोई हिंसा या दुष्कर्म की धमकी देता है तो यह जिंदगी का निम्नतम स्तर है। हर व्यक्ति को बिना किसी डर या धमकी के अपने विचार रखने का हक है। वह चाहे गुरमेहर कौर हो या फोगट बहनें।’ गंभीर ने अपने बयान में कहा कि उनके दिल में भारतीय सेना के लिए बेहद सम्मान है, हालांकि हालिया घटनाओं ने उन्हें निराश किया है।