नजीब के लापता होने के बाद उसकी सूचना देने वाले को 50 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा दिल्ली पुलिस ने की थी। बीते जनवरी माह में इनाम राशि को बढ़ाकर दस लाख रुपये कर दिया गया था। इसके बाद से 35 से अधिक लोगों ने पुलिस को नजीब के बारे में जानकारी दी, हालांकि इनमें से कोई भी सूचना सही नहीं निकली।
उड़ीसा से भी आई कॉल
उड़ीसा में रहने वाले एक शख्स ने पोस्टर पर लिखे मोबाइल नंबर पर फोन करके दिल्ली पुलिस को बताया कि नजीब उसके पास है। इनाम की राशि अगर उसे मिलेगी तो वह पुलिस को नजीब तक पहुंचा सकता है। इसके बाद पुलिस की एक टीम उड़ीसा पहुंची। वहां पता चला कि कॉल करने वाला 16 वर्षीय किशोर है। उसने इनामी राशि पाने के लिए झूठी कॉल की थी।
सीबीआई के सेवानिवृत्त अधिकारी ने भी दावा किया
8 फरवरी 2017 को सीबीआई के सेवानिवृत्त अधिकारी ने कापसहेड़ा रेलवे स्टेशन पर नजीब के होने का दावा करते हुए पुलिस को कॉल की। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो वह शख्स नजीब नहीं निकला। इसी तरह राजस्थान के रहने वाले एक शख्स ने भी सड़क किनारे एक भिखारी को देखकर उसके नजीब होने का दावा किया। पुलिस ने जब व्हाट्सएप पर उसकी तस्वीर मंगवाई तो पता चला कि वह नजीब नहीं था।