यूजीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि इस मुद्दे पर हाल ही में मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय के अधिकारियों के साथ हमारी बैठक हुई थी। इसमें यह तय किया गया कि सीबीएसई बिना किसी देरी के जुलाई में परीक्षा कराएगा।
उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था सरकार द्वारा सभी परीक्षाओं के लिए नेशनल टेस्टिंग सर्विस (एनटीएस) के गठन तक जारी रहेगी। बता दें कि हर साल जुलाई और दिसंबर में दो बार नेट आयोजित होता है। इसके जरिये जूनियर रिसर्च फेलोशिप प्रदान की जाती है और विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की पात्रता तय की जाती है। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती के लिए नेट पास करना अनिवार्य है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने पिछले साल एचआरडी मंत्रालय से नेट आयोजित करने को लेकर असमर्थता जताई थी। उसने इसका कारण संसाधनों का अभाव और जेईई-मेन और नीट जैसी परीक्षाओं का अधिक बोझ बताया था।
हालांकि मंत्रालय ने इस संबंध में कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया लेकिन सीबीएसई ने जुलाई में होने वाले नेट की अधिसूचना अब तक जारी नहीं की। आम तौर पर हर साल अप्रैल के पहले हफ्ते में अधिसूचना जारी हो जाती है। नेट की अनिश्चितता खत्म करने और अधिसूचना जारी करने की मांग को लेकर बहुत सारे छात्रों ने यूजीसी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया था। यूजीसी ने 2014 तक नेट संचालित किया। उसके बाद सीबीएसई को यह जिम्मा सौंप दिया गया।