टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा, कांग्रेस नेता शशि थरूर और शिवसेना (UBT) की प्रियंका चतुर्वेदी के अलावा विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने दावा किया है कि उनके फोन पर अजीब तरह का अलर्ट आया है। आईफोन पर आए इस अलर्ट में कहा गया है कि स्टेट स्पॉन्सर अटैकर उनके फोन को टारगेट कर रहे हैं और जानकारियां लेने की कोशिश कर रहे हैं। इसी तरह का मेसेज असदुद्दीन ओवैसी और आप नेता राघव चड्ढा ने भी शेयर किया है। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए संदेश के मुताबिक वॉर्निंग में यह भी कहा गया है कि दूर से उनके फोन के संवेदनशील डेटा, कैमरा और माइक्रोफोन को कंट्रोल किया जा सकता है।
किस-किस के पास आया अलर्ट
इस तरह का अलर्ट जिन नेताओं को मिला है उसमें विपक्ष के बडे़ नेता शुमार हैं। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, शशि थरूर, सपा चीफ अखिलेश यादव, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी के अलावा राहुल गांधी के कार्यालय को भी इस तरह का मेसेज मिला है।
महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर स्क्रीनशॉट अटैच करते हुए कहा, ऐपल की तरफ से ईमेल मिला है जिसमें कहा गया है कि सरकार हमारे फोन को हैक करने की कोशिश कर रही है। अब अडानी और पीएमओ मिलकर धमकी दे रहे हैं। तुम्हारा डर साफ नजर आ रहा है। प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इसी तरह के अलर्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया और कहा कि क्या गृह मंत्रालय इस मामले की जांच करेगा?
असदुद्दीन ओवैसी ने भी कहा कि उन्हें ऐपल की तरफ से वॉर्निंग मेसेज मिला है। उन्होंने कहा कि ‘खूब परदा है कि चिलमन से ल गे बैठे हैं। साफ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं।’ वहीं शशि थरूर ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने करदाताओं के पैसे खर्च करके लोगों को इसी तरह के काम में लगा रखा है।
भाजपा के अमित मालवीय ने दी प्रतिक्रिया
भाजपा के आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक संदिग्ध मेसेज को लेकर ये लोग शहीद बनने की कोशिश कर रहे हैं। यह हल्लाबोल पहले की तरह ही फ्लॉप हो जाएगा। आप ऐपल के स्पष्टीकरण का इंतजार क्यों नहीं करते? इसे भी केवल अवसर के रूप में देखा जा रहा है। इस मामले में भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि विपक्ष के नेता जो फोन हैकिंग की बात कर रहे हैं इस मामले में उन्हें एफआईआर दर्ज करवानी चाहिए। राहुल गांधी ने पहले भी कहा था कि पेगासस से उनका फोन हैक किया गया। लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने उनसे फोन देने को कहा तो उन्होंने इनकार कर दिया। शशि थरूर आईटी की स्टैंडिंग कमेटी में हैं वह कंपनी से सफाई क्यों नहीं मांगते