2012 में गठित और जनवरी 2013 में अधिसूचित, हरियाणा गौ सेवा आयोग ने आईडी कार्ड्स के लिए राज्यभर में करीब 200 गौ रक्षकों की सूची तैयार की है और इसे सत्यापन के लिए पंचकुला में पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया है।
सच्चे गौ रक्षकों को आईडी कार्ड्स जारी करने का फैसला पिछले साल अगस्त में राज्य सरकार द्वारा लिया गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन लोगों के खिलाफ बोला था जो गौ रक्षक के नाम पर कानून और व्यवस्था बिगाड़ते हैं। कार्ड आयोग द्वारा ही जारी किए गए थे।
आईडी कार्ड के लिए शाॅर्टलिस्ट किए गए हर व्यक्ति की पृष्ठभूमि को वेरिफाई करने की जरूरत के साथ इस प्रक्रिया में लंबा समय लग रहा है। आयोग के चेयरमैन भानी राम मंगला ने कहा कि उम्मीदवार को शाॅर्टलिस्ट करना एक भारी काम है और आयोग उम्मीदवार के बैकग्राउंड वेरिफिकेशन के लिए स्थानीय नेताओं की मदद ली है।
मंगला ने कहा ‘हमने राज्य पुलिस को सूची भेजी है लेकिन पिछले महीने पुलिस ने हमें बताया कि हमें कैरेक्टर वेरिफिकेशन के लिए 500 रुपए प्रति व्यक्ति लेने की जरूरत है। मैंने पुलिस महानिदेशक को फीस माफ करने के लिए लिखा है।’
गुरुग्राम गौ रक्षा दल के अध्यक्ष धर्मेंद्र यादव ने कहा ‘आईडी कार्ड्स को लेकर कोई आधिकारिक आदेश नहीं मिले हैं लेकिन कार्यकर्ता स्थानीय पुलिस से समन्वय में काम कर रहे हैं। हालांकि आईडी कार्ड हमारे जाॅब को बहुत आसान कर देगें। जहां तक वेरिफिकेशन की बात है, आयोग या व्यक्तिगत उम्मीदवार इसका भुगतान कर सकते हैं।’
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि कैरेक्टर वेरिफिकेशन फीस सरकारी नियमों के अनुसार है और इसके लिए भुगतान करना होगा।
गौ तस्करी का मुद्दा तब से काफी बढ़ गया है जब से राज्य में गौ संरक्षण अधिनियम लागू किया गया जो कि हरियाणा गौवंश संरक्षण और गौ समर्वधन अधिनियम, 2015 के रूप में जाना जाता है।
अधिनियम के तहत, राज्य में गौ हत्या पर 10 साल की कैद और 1 लाख जुर्माना लगता है।