Tuesday, September 9, 2025
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पूर्व सांसद रामविलास वेदांती बोले-मैंने तुड़वाया था विवादित ढांचा, आडवाणी दोषी नहीं

फैजाबाद (जेएनएन)। भारतीय जनता पार्टी से सांसद रहे डॉ. रामविलास दास वेदांती ने आज अयोध्या के विवादित ढांचा मामले को और हवा दे दी है। फैजाबाद में एक प्रेस वार्ता में डॉ. वेदांती ने माना कि विवादित ढांचा उन्होंने तुड़वाया था, इस प्रकरण में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी जरा भी दोषी नहीं हैं।

अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य और भारतीय जनता पार्टी से दो बार सांसद रहे डॉ. रामविलास दास वेदांती ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बड़ा बयान दिया है। अयोध्या के संतों का एक प्रतिनिधिमंडल आज जहां लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने आया है, वहीं फैजाबाद में भाजपा के पूर्व सांसद ने बड़ा बम फोड़ा है। अयोध्या के विवादित ढांचा गिराने की साजिश में सीबीआई जांच में पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती को भी शामिल किया गया है।

रामजन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ, सदस्य पूर्व सांसद एवं मंदिर आंदोलन के अग्रणी नेता डाॅ. रामविलासदास वेदांती ने दावा किया कि 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा उन्होंने ही तोड़ा और तोड़वाया था। वे नयाघाट स्थित अपने आवास हिन्दूधाम में पत्रकारों से मुखातिब थे। डाक्टर वेदांती ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरलीमनोहर जोशी समेत 13 नेताओं के खिलाफ ध्वंस की साजिश रचने का मामला चलाये जाने की सीबीआई को इजाजत दी गई है।

बर 1992 के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि जब कारसेवक ढांचा तोड़ रहे थे उस समय विहिप नेता अशोक सिंहल, महंत अवैद्यनाथ एवं मैं नारा लगवा रहा था, ‘ढांचा जल्दी तोड़ो, जब तक यह नहीं टूटेगा मंदिर निर्माण नहीं होगा।’ उन्होंने कहा कि अयोध्या में मौजूद कार सेवकों ने मेरे और स्वर्गीय अशोक सिंहल के कहने तथा उकसाने पर विवादित ढांचा को गिराया था। मेरे कहने पर ही कारसेवकों ने गिराया बाबरी ढांचा। मैंने ही कहा था एक धक्का और दो बाबरी को तोड़ दो। महंत अवेद्यनाथ अशोक सिंहल भी तोड़वाने में शामिल थे ।

लालकृष्ण आडवाणी, डॉ.मुरली मनोहर जोशी व विजयाराजे सिंधिया कारसेवकों को समझाने का प्रयास कर रहे थे । डाॅ. वेदांती के अनुसार विवादित ढांचा से कुछ ही दूर स्थित मंच पर मौजूद आडवाणी, जोशी आदि नेता कारसेवकों से अनुरोध कर रहे थे कि आप की कारसेवा हो गई है और आप ढांचे से उतर आइये। इस प्रकरण में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी बिल्कुल भी दोषी नहीं हैं, वह तो बेकसूर है। उन्होंने कहा कि हां, मैंने ढांचा तोड़ा और तोड़वाया है। इसके लिए यदि कोर्ट फांसी की सजा मुझे दे तो मैं फांसी पर लटकने को तैयार हूँ।

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