बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 6 आरोपियों के खिलाफ बाबरी मस्जिद विध्वंस के मामले में आपराधिक साजिश रचने का केस चलेगा। लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत ने आज बीजेपी के बड़े नेताओं के खिलाफ आरोपों को खारिज करने वाली याचिका नामंजूर कर दी। हालांकि कोर्ट ने इस मामले में सभी आरोपियों को निजी मुचलके पर जमानत दे दी है।
इससे पहले मंगलवार को भारी सुरक्षा के बीच लखनऊ की सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए। आडवाणी, ऋतम्भरा, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार और विष्णु हरी डालमिया के हाज़िर होते ही कोर्ट ने इन्हें आपराधिक साजिश (120 बी) के आरोप में न्यायिक हिरासत में लिया। इसके बाद बचाव पक्ष के वकील ने सभी की जमानत अर्जी दाखिल की और कोर्ट ने सभी की जमानत मंज़ूर कर ली।
बचाव पक्ष ने दलील दी कि मुल्ज़िमो पर 120बी का आरोप नहीं बनता है। सीबीआई के पास कोई सबूत नहीं है। वही सीबीआई की ओर से इस दलील का विरोध किया गया। आपको बता दें कि कोर्ट बाबरी मस्जिद विध्वंस से संबद्ध दो मामलों की सुनवाई कर रही है। आडवाणी, जोशी, उमा, कटियार, डालमिया और साध्वी पर एक मामले में आरोप तय हो गए है जबकि जबकि दूसरे मामले में महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चंपत राय बंसल, महंत धर्म दास और सतीश प्रधान के खिलाफ आरोप तय होंगे।
आडवाणी से मिले योगी
आडवाणी और जोशी लखनऊ एयरपोर्ट से पहले वीवीआईपी गेस्ट हाउस पहुंचे यहां सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनसे मुलाकात की। वहीं मौजूद केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा है कि मैं खुद को अपराधी नहीं मानती हूं। उन्होंने कहा कि ये खुला आंदोलन था जैसा इमरजेंसी के खिलाफ हुआ था। इस आंदोलन में क्या साजिश थी मुझे पता नहीं अभी।
वरिष्ठ हिन्दुत्ववादी नेता महंत राम विलास वेदान्ती ने कहा कि अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाने वालों में वह भी शामिल थे। बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं लालकष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी की इसमें कोई भूमिका नहीं है, वे निर्दोष हैं। अयोध्या के बाबरी मामले की सुनवाई के सिलसिले में सीबीआई की विशेष अदालत में पेश होने आये वेदांती ने कहा, वह अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उमा भारती
उमा भारती ने कहा कि इसमें कोई साजिश नहीं थी। एक खुला आंदोलन था। कोर्ट का सम्मान करती हूं इसलिए पेश होने जा रही हूं।
पूर्व सांसद राम बिलास वेदांती
पूर्व सांसद राम बिलास वेदांती ने कहा है कि मोदी और योगी मिलकर अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनवाएंगे। केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है। इसी कारण अब भव्य राम मंदिर बनेगा। विवादित स्थल में कभी मस्जिद नहीं थी, देश का मुसलमान भी मंदिर चाहता है।
पूर्व सांसद राम बिलास वेदांती ने कहा है कि मोदी और योगी मिलकर अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनवाएंगे। केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है। इसी कारण अब भव्य राम मंदिर बनेगा। विवादित स्थल में कभी मस्जिद नहीं थी, देश का मुसलमान भी मंदिर चाहता है।
सांसद विनय कटियार
वीवीआईपी गेस्ट हाउस में सांसद विनय कटियार ने कहा उन्हें ढांचा विध्वंस मामले में कोई मलाल नहीं है। लाखों राम भक्तों की इच्छा थी वहां भव्य राम मंदिर बने और खंडहर ढांचा ध्वंस हो, इसलिए ऐसा हुआ। इसे लेकर हाई कोर्ट ने भी कह दिया है कि वह रामलला का स्थान है। फिर केस किस बात का। उस वक़्त लाखों लोग वहां मौजूद थे तो फिर साज़िश कैसी। सांसद विनय कटियार ने कहा मुलायम सिंह ने माना था कि गलती हुई। 16 लोग मारे गए थे, उनके खिलाफ भी मामला चलना चाहिए। जितनी भी साजिश कर ली जाए, कोई भी साजिश काम नहीं आने वाली।
वीवीआईपी गेस्ट हाउस में सांसद विनय कटियार ने कहा उन्हें ढांचा विध्वंस मामले में कोई मलाल नहीं है। लाखों राम भक्तों की इच्छा थी वहां भव्य राम मंदिर बने और खंडहर ढांचा ध्वंस हो, इसलिए ऐसा हुआ। इसे लेकर हाई कोर्ट ने भी कह दिया है कि वह रामलला का स्थान है। फिर केस किस बात का। उस वक़्त लाखों लोग वहां मौजूद थे तो फिर साज़िश कैसी। सांसद विनय कटियार ने कहा मुलायम सिंह ने माना था कि गलती हुई। 16 लोग मारे गए थे, उनके खिलाफ भी मामला चलना चाहिए। जितनी भी साजिश कर ली जाए, कोई भी साजिश काम नहीं आने वाली।
सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल को निर्देश दिया था कि आडवाणी (89), जोशी (83) और उमा (58) के अलावा बाकी सभी आरोपियों पर बाबरी ढांचा ढहाये जाने के मामले में आपराधिक साजिश का मुकदमा चलेगा। न्यायालय ने मामले की सुनवाई रोजाना कराने और दो साल में सुनवाई समाप्त करने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बीेजेपी नेता कल्याण सिंह जब तक राज्यपाल के पद पर हैं, उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चल सकता। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, उसी समय ढांचा ढहाया गया था। न्यायालय ने रायबरेली की अदालत में आडवाणी, जोशी, उमा और तीन अन्य आरोपियों पर चल रहे मुकदमे को लखनउ स्थानांतरित करने का आदेश दिया ताकि ढांचा ढहाये जाने के मामलों की एक साथ सुनवाई हो सके।