यूपीए ने राष्ट्रपति पद के लिए पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाया है. राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने के लिए संसद भवन में विपक्ष की हुई बैठक में मीरा कुमार का नाम तय हुआ. बैठक में 17 विपक्षी दलों के नेताओं ने भाग लिया. एनसीपी के शरद पवार ने मीरा कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा. विपक्ष का कहना है कि वे सेकुलर दलों से मीरा कुमार को समर्थन देने की अपील करेगा. मीरा कुमार 27 जून को नामांकन भरेंगी.
कांग्रेस से सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, अहमद पटेल, गुलाम नबी आज़ाद, एके एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, बीएसपी से सतीश मिश्रा, टीएमसी से डेरेक ओ ब्रायन, केरल कांग्रेस से जॉर्ज मनी, समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, नरेश अग्रवाल, आरएलडी से अजीत सिंह, नेशनल कॉन्फ़्रेंस से उमर अब्दुल्ला, एनसीपी से शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, तारिक अनवर, सीपीएम से सीताराम येचुरी, सीपीआई से डी राजा, आरएसपी के प्रेमचंद्रन, डीएमके से कनिमोझी, जेएमएम से हेमंत सोरेन, जेडीएस से दानिश अली खान, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट प्रतिनिधि, मुस्लिम लीग कुंजली कुट्टी, आरजेडी से लालू और जयप्रकाश नारायण यादव बैठक में शामिल हुए.
बुधवार को कांग्रेस नेता मीरा कुमार ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से मुलाकात की थी, जिसके बाद सरगर्मी बढ़ गई थी. इस बीच सीपीएम नेता सीताराम येचुरी का भी बयान आया था कि विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव जरूर लड़ेगा.
लेकिन विपक्ष की बैठक से पहले विपक्षी दलों का कुनबा बिखरता दिख रहा था. शरद पवार की पार्टी एनसीपी के एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने की अटकलों के बीच सोनिया गांधी ने पवार के घर अपने दूत भेजे हैं. यही नहीं सीताराम येचुरी भी कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और अहमद पटेल के साथ पवार के घर पहुंचे.
हालांकि राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर विपक्ष में दरार साफ दिखने लगी है, जेडीयू ने पहले ही एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. जेडीयू की इस चाल लालू की पार्टी के राजद के नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.
रघुवंश प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार एक तरफ तो बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन की बनाने की बात करते हैं, दूसरी ओर एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार का समर्थन करते हैं.अब मीरा कुमार-रामनाथ कोविंद आमने-सामने
एजुकेशन के लिहाज से देखा जाए तो रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार दोनों ही काबिल व्यक्ति हैं. लोकसभा अध्यक्ष के रूप में मीरा कुमार की सफल पारी को देश की जनता देख चुकी है. मीरा कुमार अगली पीढ़ी की दलित हैं. असल में वे पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम की पुत्री हैं और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस जैसे प्रतिष्ठित कॉलेज से पढ़ाई की है. वे 1970 में भारतीय विदेश सेवा के लिए चुनी गई थीं और कई देशों में राजनयिक के रूप में सेवा दे चुकी हैं.
दूसरी तरफ, कोविंद एक कानपुर देहात जिले के एक गांव में साधारण परिवार में पैदा हुए. उन्होंने कानपुर के एक कॉलेज से पढ़ाई की और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने के बाद राजनीति में प्रवेश किया. उनका प्रशासनिक अनुभव बिहार के राज्यपाल के रूप में है. दोनों ने वकालत की पढ़ाई की है. कोविंद का चयन भी प्रशासनिक सेवा के लिए हो चुका था, लेकिन उन्होंने नौकरी करने की जगह वकालत करना पसंद किया. मीरा कुमार 72 साल की हैं, जबकि रामनाथ कोविंद 71 साल के हैं.