नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से मंगलवार को गिरफ्तार किए गए आईएसआईएस के पांच समर्थक बड़े हमले की तैयारी में थे। एक महीने के भीतर वे राज्य के बाराबंकी इलाके में स्थित एक सूफी दरगाह पर आतंकवादी हमला करने की फिराक में थे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने उज्जैन जाने वाली ट्रेन में विस्फोटक रख सूफी दरगाह में हमले की प्रैक्टिस की थी। विस्फोट के बाद तीन संदिग्धों को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था और अब उनसे एनआईए की टीम पूछताछ कर रही है।
पूछताछ में इन लोगों ने बताया है कि उनके टेरर मॉड्यूल में लखनऊ और कानपुर के 9 लोग जुड़े थे। वे सभी आतंकी संगठन आईएस के प्रति निष्ठावान थे। गिरफ्तार किए गए लोगों में गैंग का लीडर आतिफ मुजफ्फर भी शामिल है।
आगे की पूछताछ में उन्होंने बताया कि लखनऊ के पास ठाकुरगंज इलाके में उन्होंने एक घर किराए पर ले रखा है। इस जानकारी के बाद यूपी एटीएस ने कानपुर से दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया और सैफुल्ला को उसके घर में ही घेर लिया। इन लोगों ने छह महीने पहले ही बादशाह का घर किराये पर लिया था, जो सऊदी में रहता है।
बताया जा रहा है कि पुलिस ने सैफुल्ला को लंबे समय तक सरेंडर करने के लिए कहा। उसके भाई खालिद से भी पुलिस ने बात कराई। खालिद के कहने पर भी सैफुल्ला सरेंडर करने को तैयार नहीं हुआ। उसके कहा कि वह मरना पसंद करेगा, लेकिन सरेंडर नहीं करेगा।
सैफुल्ला के मारे जाने के बाद उसके कमरे की तलाशी में एटीएस के अधिकारियों को भारी मात्रा में असलहा, पासपोर्ट, सिम कार्ड, 650 राउंड जिंदा कारतूस, 50 चले हुए कारतूस, सोना और नकदी सहित कई अन्य चीजें मिली थीं।