डायरेक्टर के तौर पर अक्षय रॉय की यह पहली फिल्म है. फिल्म में लीड कपल आयुष्मान खुराना और परिणीति चोपड़ा हैं जिनकी पिछली फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास बिजनेस नहीं कर पाई थीं. ये फिल्म डायरेक्शन से लेकर एक्टर्स तक सभी के लिए खास है. आइए जानें, फिल्म कैसी बनी है और क्या है इस फिल्म में देखने लायक…
यह कहानी उपन्यासकार अभिमन्यु रॉय (आयुष्मान खुराना) की है जो मुंम्बई में रहता है लेकिन घरवालों के सरप्राइज की वजह से कोलकाता जाता है. वहां उसे अपने बचपन की याद आने लगती है जब पहली बार उसने पड़ोस की बिंदु (परिणिती चोपड़ा) से मुलाकात की थी. स्टोरी फ्लैशबैक में जाकर 80 और 90 के दशक की यादों को ताजा कर देती है. बचपन, स्कूल और कॉलेज के बाद कुछ ऐसा होता है जिसकी वजह से बिंदु अपना घर छोड़कर भाग जाती है और अभिमन्यु अकेला हो जाता है. एक तरफ जहां अभिमन्यु पढ़ाई के लिये साउथ चला जाता है वहीं बिंदु भी आस्ट्रेलिया-पेरिस होते हुए गोवा पहुंचती है जहां उसे अभिमन्यु मिलता है. कहानी फिर से फ्लैशबैक और प्रेजेंट डे में आगे बढ़ती जाती है. बिंदु को सिंगर बनना है और अभिमन्यु को राइटर, आख़िरकार कहानी को क्या अंजाम मिलता है ये तो फिल्म देखकर ही पता चलेगा.
क्यों देख सकते हैं फिल्म
फिल्म की कहानी में आपको नब्बे के दशक की फीलिंग के साथ-साथ हंसी मजाक और इमोशनल पल भी आते हैं. कई सारे मोमेंट्स हैं जो आपको बांधे रखते हैं जैसे बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड, मां-बाप और बच्चों का ट्रैक, कॉलेज और रूम मेट्स की कहानी आदि. फिल्म में गानों को बड़े ही अच्छे ढंग से पिरोया गया है. हारेया, ये जवानी जैसे गाने स्क्रीन पर और भी अच्छे लगते हैं. वहीं बैकग्राउंड में म्यूज़िक के साथ-साथ हिंदी और बंगाली लिरिक्स को बखूबी सजाया गया है. फिल्म में किशोर कुमार, रफ़ी साहब, लता मंगेश्कर, आर डी बर्मन के गानों को भी बेहतरीन तरीके से फिल्म का हिस्सा बनाया गया है. परिणिती चोपड़ा और आयुष्मान खुराना ने बहुत अच्छी और नेचुरल एक्टिंग की है जो फोर्स्ड नहीं लगती है. वहीं बाकी सह कलाकारों की कास्टिंग भी बेहतरीन है. फिल्म में बैंगन की रेसिपी, बिग बॉस एलिमिनेशन, टीवी का एंटेना, आडियो कैसेट, टेलीफोन की मिस्ड कॉल जैसे कई दिलचस्प पल आते हैं. लोकेशंस, सिनेमेटोग्राफी, कैमेरा वर्क बहुत बढ़िया है. फिल्म की लिखावट और वन लाईनर्स बेहतरीन हैं.


