मुंबई, प्रेट्र। मनी लांड्रिंग केस में विवादास्पद उपदेशक जाकिर नाईक के खिलाफ विशेष अदालत ने गुरूवार को गैर जमानती वारंट जारी किया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच में सहयोग नहीं करने पर अदालत से जाकिर नाईक के खिलाफ गैर ज़मानती वारंट जारी करने की मांग की थी।
इस हफ्ते की शुरुआत में केन्द्रीय जांच एजेंसी ने अदालत से कहा था कि कई बार समन भेजने के बावजूद नाईक हाजिर नहीं हुआ। जांच एजेंसी ने कहा कि मनी लांड्रिंग मामले में नाईक से पूछताछ की आवश्यकता है। ईडी ने नाईक और अन्य के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में एनआईए की तरफ से गैर कानूनी गतिविधी रोकथाम की धाराओं में शिकायत के बाद स्वत: संज्ञान लेते हुए आपराधिक केस दर्ज किया था। ईडी की तरफ अवैध फंडों की मनी लांड्रिंग के आरोपों की पड़ताल की जा रही है। 51 वर्षीय नाईक के बारे में यह कहा जा रहा है कि वह गिरफ्तारी के डर से सऊदी अरब में छिपा हुआ है।
पिछले साल ढाका में हुए आतंकी हमले में पकड़े गए आरोपियों ने यह कहा था कि वह इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक से प्रभावित है। जिसके बाद नाईक और नाईक की गैर सरकारी संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) के अधिकारियों के खिलाफ धार्मिक आधार पर वैमनस्यता फैलाने के आरोप में आईपीसी का धारा 153-ए और गैर कानूनी गतिविधियों (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था।