इस औरत को हल्के में लेनी की कोशिश कभी नही करना क्योंकि ये कोई साधारण महिला नही हैं ये है इंडिया कि ‘शूटर दादी’ या ‘रिवॉल्वर दादी’। तो आइए हम आपकों मिलाते है इंडिया की सबसे बेहतरीन रिवॉलवर दादी से। ऐसी दादी जो न सिर्फ अच्छे-अच्छों की खटिया खड़ी कर देती हैं बल्कि घर के काम में भी नम्बर 1 हैं। रिवॉल्वर दादी को दुनिया की सबसे उम्रदराज शूटर कहते हैं। इन्होंने अब तक 25 राष्ट्रीय अवॉर्ड अपने नाम किया है।
दुनिया की इस सबसे उम्रदराज शूटर दादी का नाम है चंद्रो तोमर है। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के जोहड़ी गांव की रहने वाली चंद्रो की उम्र 84 साल है। तोमर के 6 बच्चे हैं और 15 नाती-पोते। इस दादी ने अपनी गन चलाने की ट्रेनिंग 65 साल में ली। निशानेबाजी से लेकर गाय का दूध निकालने तक का सारा काम एक लहजे में करती हैं। इसके बाद ये दूसरों को निशानेबाजी की ट्रेनिंग भी देती हैं।
65 साल की उम्र में इन्होंने पहली बार बंदूक उठाई थी। एक दिन वे अपनी पोती शेफाली को लेकर भारतीय निशानेबाज डॉक्टर राजपाल सिंह की शूटिंग रेंज पर गई, वहां शैफाली के अलावा और कोई लड़की नहीं आती थी। दो दिन देखा, तीसरे दिन शैफाली गन लोड नहीं कर पाई। फिर दादी ने गन लोड करके निशाना लगाया तो सटीक लगा। निशाना दस अंकों पर लगा देख राजपाल आश्चर्यचकित रह गए। उन्होंने कहा-दादी तू भी शूटिंग शुरू कर दे। इसके बाद निशानेबाजी का सिलसिला चल पड़ा। उनके नाम 25 राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप का खिताब है।
डॉ. राजपाल व बच्चों ने खेलने के लिए प्रेरित किया। मैंने मना किया तो बच्चों ने कहा, गांव में किसी से नहीं कहेंगे। फिर प्रेक्टिस शुरू की। रात को परिवार में सब सो जाते थे तब मैं भूसा वाले कमरे में जाकर पानी से भरा जग घंटों हाथ में लेकर खड़ी रहती थी। जिससे गन से निशाना लगाते समय हाथ सधा रहे।
जब वह राजपाल की एकेडमी में शूटिंग की कोचिंग ले रही थी, तब किसी पत्रकार ने समाचार पत्र में फोटो प्रकाशित कर दिया। अगले दिन उन्होंने फोटो देखा, तो परेशान हो गईं। कहा पढ़ना, तो नहीं जानती थी, लेकिन अपनी फोटो देखकर सारा मामला जान गई।