नई दिल्ली। इंदौर-पटना एक्सप्रेस के पुखरायां रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतरने की दुर्घटना में रामप्रवेश सिंह की मौत हो गई थी। भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) द्वारा संचालित होने वाले रेलवे यात्रा बीमा योजना के तहत उन्हें बीमा देने के इन्कार कर दिया है। यह ऐसा पहला मामला है, जिसमें रेलवे ने हादसे के बाद पहला बार बीमा का मुआवजा देने से इन्कार कर दिया।
सिंह उन 146 यात्रियों में से एक थे, जिनकी 20 नवंबर 2016 को इंदौर-पटना एक्सप्रेस के पटरी से उतरने में मृत्यु हो गई थी। रेलवे ने यह दावा इस आधार पर किया कि उन्होंने जिस स्टेशन से टिकट बुक कराया था, उसके पिछले स्टेशन से वह ट्रेन में बैठ गए थे। यात्री नियमित रूप से टिकट बुक कराने में यह गलती करते हैं।
इस यात्रा बीमा योजना को एक सितंबर से 9 दिसंबर के बीच 92 पैसे के प्रीमियम का भुगतान करके 3.64 करोड़ यात्रियों ने चुना था और सिंह उनमें से एक थे। आईआरसीटीसी ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछी गई जानकारी में कहा था कि यात्री टिकट में लिखे बोर्डिंग स्टेशन से पहले ट्रेन में सवार हो गया था और दुर्घटना उसके निर्धारित बोर्डिंग पॉइंट से पहले हुई थी। इसलिए पॉलिसी कवरेज के तहत नहीं आती है।
रेल बीमा सुविधा के तहत सिंह के नॉमिनी व्यक्ति रेलवे से जुड़ी दुर्घटना से मृत्यु के लिए निर्धारित 10 लाख रुपए के भुगतान के लिए पात्र होंगे। आईआरसीटीसी द्वारा संचालित रेलवे यात्री बीमा एक सितंबर 2016 को आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर टिकट बुकिंग करने वाले यात्रियों के लिए एक वैकल्पिक सेवा के रूप में शुरू की गई थी। बीमा योजना केवल तब लागू होती थी, जब यात्री को एक कन्फर्म टिकट मिलती थी।
10 दिसंबर को रेलवे मंत्रालय ने ऑनलाइन लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए प्रीमियम में छूट दी और आईआरसीटीसी वेबसाइट के माध्यम से टिकट लेने वाले यात्रियों को इस बीमा सुविधा की पेशकश की। रॉयल सुंदरम इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड इंश्योरेंस और श्रीराम जनरल इंश्योरेंस इस योजना के तहत बीमा कवर दे रहे थे।