पूरे विश्व में चल रहे अनुमानों पर 21 सितंब को विराम लग गया जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने नीतिगत ब्याज दरों को यथावत रखने का फैसला लिया। यह माना जा रहा था कि इस पॉलिसी मीटिंग में अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी हो सकती है जिसके कारण वैश्विक कमोडिटी बाजार भारी दबाव में काम कर रहा था। जब ब्याज दरों में बिना कोई बदलाव से वैश्विक वित्तीय बाजारों में एक बार फिर रौनक लौट आई है। कमोडिटी बाजार में सोना, चांदी, मेटल और कच्चे तेल में अच्छा सुधार देखने को मिला है।
फेड की बैठक के पूर्व सोना कॉमेक्स वायदा 1315 डॉलर प्रति औंस के आसपास कारोबार कर रहा था और घरेलू वायदा में 30100 प्रति 10 ग्राम भाव चल रहा था। दोनों ही सोने के महत्वपूर्ण समर्थन स्तर हैं॥ अब ब्याज दरों में बना बदलाव से सोना एक बार फिर 1360 से 1375 डॉलर प्रति औंस की और जाता हुआ दिखाई दे रहा है। वहीं भारतीय बाजारों में सोना 31,500 से 31700 प्रति 10 ग्राम की बढ़त दिखा सकता है।
आने वाले दिनों में देश में त्यौहारी ग्राहकी निकलने से भी सोने की मांग में बढ़त देखने को मिल सकती है। वर्तमान में भारत और पाकिस्तान के बीच भू-राजनैतिक गतिरोध भी कीमतों को सहारा दे सकते हैं। निवेशक सोने में 31100-31000 के स्तरों पर खरीदारी की रणनीति रख सकते हैं। निवेशकों को 30800 पर स्टॉपलास जरूर रखना चाहिए। आने वाले 1 से 2 महीने में सोना 31500-31700 तक के स्तर दिखाने मे कामयाब हो सकता है।