नई दिल्ली: बॉलीवुड में शाहरूख खान की एक से बढ़कर एक मशहूर फिल्में आईं. जो बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाई हैं. लेकिन यह जानकर आपको सदमा पहुंचेगा कि इस सुपरस्टार की फेमस हिंदी फिल्में हॉलीवुड फिल्मों की नकल है.
शाहरुख खान की फिल्म बाज़ीगर हॉलीवुड फिल्म ‘अ किस बिफोर डाइंग’ की कॉपी है.बाज़ीगर 1993 में बनी. जबकि ‘अ किस बिफोर डाइंग’ फिल्म बाज़ीगर फिल्म से ठीक दो साल पहले 1991 में आई थी. हार कर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं, मगर बाजीगर को अंग्रेज़ी में देखें तो ”किस बिफोर डाइंग’ कहते हैं. 1991 में आई मैट डिलन की इस फिल्म से 1993 में आई बाजीगर इतना ज्यादा मिलती है कि लिखने वाला थक जाए. बस अंग्रेजी वाली फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन खराब रहा था. अब इसका कारण आप अनु मलिक के ‘तू मिली, मैं मिला, दुनिया जले तो जले’ रैप को मत समझ लीजिएगा.
शाहरूख खान और उर्मिला मातोंडकर की 1992 में आई ‘चमत्कार’ फिल्म हॉलीवुड में 1968 में बनी फिल्म ब्लैक बियर्ड घोस्ट की नकल है. इस फिल्म में नसीरउद्दीन शाह भूत बने थे. इसमें कोई दो राय नहीं कि इस चमत्कार में मार्को (नसीरुद्दीन शाह) और सुंदर (शाहरुख खान) की जोड़ी ने हमारा खूब मनोरंजन किया. मगर ये फिल्म 1986 की अंग्रेजी फिल्म ‘ब्लैक बियर्ड घोस्ट’ से बहुत ज्यादा प्रेरित थी. एक भूत जो सिर्फ स्पोर्ट्स कोच बने हीरो को दिखता है. भूत की मुक्ति तभी होगी जब वो कुछ अच्छा काम करे.
शाहरुख खान की फिल्म ‘डर’ हॉलीवुड की फिल्म केप फियर से प्रेरित थी. ‘डर’ 1993 में आई जबकि केप फियर 1991 में आई थी. शाहरूख ने इस फिल्म में निगेटिव रोल किया था. 1962 में ग्रेगरी पैक की फिल्म आई थी ‘केप फियर’. 1991 में राबर्ट डि नीरो को मुख्य भूमिका में लेकर इसका इसी नाम से रीमेक बना. ‘केप फियर’ की कहानी को आधार बना कर ‘डर’ का प्लॉट लिखा गया. फिल्म में राहुल के रोल के लिए सनी देओल को अप्रोच किया गया मगर उन्होंने निगेटिव रोल न चुनकर हीरो (उनके हिसाब से) का किरदार चुना. राहुल के रोल के लिए संजय दत्त, सुदेश बेरी, अजय देवगन और अंत में आमिर खान को चुना गया था. हिरोइन की पहली पसंद रवीना टंडन थीं और बाद में दिव्या भारती फाइनल हुई. ‘डर’ की पहली फाइनल स्टार कास्ट थी- सनी देओल, आमिर खान और दिव्या भारती. आमिर की इच्छा दिव्या की जगह जुही चावला को लेने की थी. यश चोपड़ा ने उनकी ये मांग मान ली. मगर बाद में यश चोपड़ा और आमिर के बीच ही कुछ असहमति हो गई और आमिर ने फिल्म छोड़ दी. वैसे एक मजेदार बात और राहुल के किरदार को सायको स्टॉकर बनाने का आइडिया और फिल्म का टाइटल ‘डर’ ऋतिक रौशन ने उदय चोपड़ा को दिया था. बाद में ‘डर’ को हॉलीवुड में ‘फियर’ नाम से भी कॉपी किया गया.
2000 में आई शाहरूख की सबसे हिट फिल्म ‘मोहब्बतें’ भी ‘डेड पोएट्स ऑफ सोसाइटी’ की कॉपी है. सिर्फ लड़कों की पढ़ाई का एक पारंपरिक विचारों वाला स्कूल. वहां हर चीज़ से ऊपर अनुशासन है. इस स्कूल में एक टीचर आता है. कविता की बात करता है. परंपरागत तौर तरीकों से परे दिल की सुनने की बात करता है. नतीजा प्रिंसिपल और टीचर का टकराव. यहां ‘मोहब्बतें’ नहीं लेजेंड्री ऐक्टर रॉबिन विलियम्स की फिल्म ‘डेड पोएट सोसायटी’ की बात हो रही है.
चक दे इंडिया फिल्म हॉलीवुड की फिल्म मिरकल से प्रेरित है 2007 में आई चक दे इंडिया शाहरुख खान की बड़ी फिल्मों में से एक थी. इस फिल्म का आइडिया मिरैकल फिल्म से लिया गया था. यकीन मानिए इस फिल्म का नाम यहां लिखना कतई अच्छा नहीं लग रहा. स्पोर्ट्स पर बनी फिल्मों में यकीनन ‘चक दे’ की एक खास जगह है. कोच कबीर खान और उनकी वानर सेना की सारी लड़कियां. ‘या अल्लाह, ये तो सीधा शॉट लेगी’ सब कुछ क्लासिक है मगर फिल्म का आइडिया 2004 में अमेरिकन मेन्स हॉकी पर बनी ‘मिरैकल’ से हूबहू लिया गया है. ‘मिरैकल’ 1980 की अमेरिकी आइस हॉकी टीम और उनके पूर्व खिलाड़ी से कोच बने कोच की सफलता की असली कहानी है. अंग्रेजी फिल्म में विद्या शर्मा इंडिया वाला इंट्रो भी है, और मैच से पहले एक मोटिवेश्नल स्पीच भी है.
2016 में आई फैन के बारे में भी कहा जा रहा था कि फिल्म हॉलीवुड फिल्म द फैन से प्रेरित है. फिल्म हॉलीवुड में 1996 में आई थी. अंतर ये है कि फैन में शाहरूख खान ही दोनों किरदार निभाए हैं जबकि द फैन में दोनों किरदार अलग अलग एक्टर्स ने निभाए थे.एक बार फिर रॉबर्ट डि नीरो, शाहरुख खान, यशराज फिल्म्स और परेशान करने वाला सायको. ‘डर’ के बाद ये समानताएं फिर से रॉबर्ट डि नीरो की 1996 में आई फिल्म ‘फैन’ से मिलती हैं.
एक जैसे नाम होने के अलावा दोनों फिल्में आइडिया के लेवल पर लगभग एक सी हैं. शाहरुख वाली ‘फैन’ को अलग आयाम देने के लिए भरपूर मेहनत की गई है. किंग खान का डबल रोल इसकी एक मिसाल है.