नई दिल्ली: कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में पोलीग्राफ टेस्ट (झूठ पकडऩे वाली मशीन से जांच) कराने के लिए सहमति देने से आज इंकार कर दिया। इस मामले में सीबीआई ने उन्हें तीन मौकों पर क्लीनचिट दी थी। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट शिवाली शर्मा के समक्ष दायर हलफनामे में टाइटलर ने कहा कि वह यह परीक्षण नहीं कराना चाहते। सीबीआई ने टाइटलर का यह परीक्षण कराने की मांग की थी। इस मामले में एक प्रमुख गवाह विवादित हथियार कारोबारी अभिषेक वर्मा के वकील ने अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल की तबियत ठीक नहीं है। उन्होंने उन्हें निजी पेशी के लिए समय देने का अनुरोध किया।
अदालत ने वर्मा के वकील को समय देते हुए आगे की कार्यवाही के लिए 2 जून की तारीख तय की। अदालत ने 9 मई को टाइटलर तथा वर्मा को निर्देश दिया था कि वे इस बारे में ‘स्पष्ट’ जवाब दें कि वे पोलीग्राफ टेस्ट कराना चाहते हैं या नहीं। अदालत ने कहा था कि परीक्षण के लिए उनकी सहमति लेने की सीबीआई की याचिका विचारणीय है। अदालत ने कहा था कि अगर सहमति के लिए कोई शर्त है तो टाइटलर और वर्मा को निजी रूप से पेश होकर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
1984 दंगा मामला: जगदीश टाइटलर का पोलीग्राफ टेस्ट कराने से इंकार
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