नई दिल्ली/लखनऊ (ब्यूरो)। आतंकी संगठन आईएस के इशारे पर देश में तबाही की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार चार आतंकियों में से दो को एटीएस ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लेकर आई है। इनसे पूछताछ में पश्चिमी उप्र के कुछ इलाकों में तबाही की साजिश का पर्दाफाश हुआ है। दूसरी ओर, बिजनौर व शामली से हिरासत में लिए गए छह युवकों को एटीएस ने परिजन के हवाले कर दिया है। इन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए सुरक्षा एजेंसियां काउंसिलिंग कराएगी।
छह राज्यों की नौ टीमों ने गुरुवार को मुंबई (महाराष्ट्र), जालंधर (पंजाब), नरकटियागंज (बिहार), बिजनौर (उत्तर प्रदेश) और आंध्रप्रदेश में एक साथ छापेमारी कर आईएस के इशारे पर विस्फोट की साजिश रचने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया था। जबकि शामली व बिजनौर से छह संदिग्ध युवकों को हिरासत में लिया गया था। उप्र एटीएस के आईजी असीम अरण का कहना है कि जिन छह संदिग्ध युवकों को हिरासत में लिया गया था, उन्हें फिलहाल छोड़ दिया गया है। उनके खिलाफ ठोस साक्ष्य मिलने पर ही कार्रवाई होगी। पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि जिन युवकों को रिहा किया गया है, उन पर धार्मिक कट्टरवादियों का प्रभाव होने की बात सामने आई है, लिहाजा एटीएस व अन्य सुरक्षा एजेंसियां उनकी काउंसिलिंग कराएंगी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस पश्चिम यूपी के मदरसों और मस्जिदों पर निगाह रख रही है। बिजनौर के पुलिस अधीक्षक अजय सहनी ने बताया कि पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां बिजनौर और इसके आसपास के इलाकों में धार्मिक संस्थानों पर कड़ी नजर रखेगी।
हम इन संस्थानों में जाने वाले इलाके के जिम्मेदार नागिरकों से भी सहायता मांग रहे हैं ताकि युवकों को भटकने से बचाया जा सके।अल्पसंख्यक विभाग के डेटा के अनुसार इस इलाके में करीब 500 मदरसे हैं जिनमें 15 डिग्री लेवल के हैं और 55 हाई स्कूल लेवल के हैं। इलाके के 1,500 मस्जिदों पर पुलिस नजर रख रही है।
2000 मस्जिद – मदरसे निगरानी में , पश्चिमी उप्र में तबाही मचाना चाहते थे आतंकी
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