वर्ष 2016 में शहरी क्षेत्र में जाम, खस्ताहाल एनएच 75 और 343, शहरी जलापूर्ति योजना की धीमी रफ्तार सहित अन्य बुनियादी समस्याओं से लोग जूझते रहे। कुछ ऐसा ही हाल ग्रामीण क्षेत्रों की भी रही। कई योजनाएं या तो अधूरी रहीं या उसपर काम आगे नहीं बढ़ सका। गांव में न तो सिंचाई सुविधा दुरुस्त की जा सकी और न ही शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारा जा सका। उसके विपरीत 2017 उम्मीदों भरा होने की संभावना है। कई समस्याओं से लोगों को निजात मिलने की उम्मीद है। सांसद वीडी राम से हुई बातचीत के प्रमुख अंश :
बाइपास का निर्माण
बाइपास शहर के लोगों का चिरपरिचित मांग है। एनएच 343 और एनएच 75 के कारण शहरी क्षेत्र पर वाहनों का दबाव होता है। उससे हमेशा जाम सहित अन्य समस्याएं होती हैं। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बाइपास निर्माण के लिए डीपीआर का आदेश दिया है। वर्ष 2017 में बाइपास पर काम आगे बढ़ने की उम्मीद है।
एनएच 75 और 343
छह साल से एनएच 75 पर काम हो रहा है। सांसद वीडी राम ने बताया कि 20 सूत्री की बैठक में मुख्यमंत्री के पास मामले को लाया गया था। मुख्यमंत्री ने जुलाई तक काम पूरा होने का भरोसा दिया है। वहीं टंडवा मोड़ से गोदरमाना तक एनएच 343 का टेंडर निकाला गया है। 39 करोड़ रुपए की लागत से काम होगा। वहीं उक्त सड़क पर 32 करोड़ रुपए की लागत से सात पुल का भी निर्माण होगा।
आठ सिंचाई परियोजनाएं होंगी वरदान
2017 में जिले की आठ प्रमुख सिंचाई योजनाओं पर काम होने की उम्मीद है। उक्त परियोजनाएं जिले के किसानों के लिए वरदान साबित होंगे। मार्च तक उनकी स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। उक्त सिंचाई योजनाओं में अन्नराज जलाशय योजना, सरस्वतिया सिंचाई योजना, बायीं बांकी सिंचाई योजना, कवलदाग सिंचाई योजना, दानरो सिंचाई योजना, पंडरवा सिंचाई योजना, बायी बांकी जलाशय, उतमाही सिंचाई योजना शामिल है। उनमें अन्नराज, सरस्वतिया, बायी बांकी, दानरो और पंडरवा सिंचाई योजना का डीपीआर तैयार है। अन्य योजनाओं का डीपीआर तैयार किया जा रहा है।
सोन नदी से जलाशयों तक पहुंचेगा पानी
सिंचाई समस्या से निजात दिलाने के लिए सोन नदी से जिले के विभिन्न जलाशयों को जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम चल रहा है। सरकार ने मार्च 2017 तक उसका डीपीआर बनाने का आदेश दिया है। उम्मीद है उक्त योजना पर काम भी शुरू हो। अगर उसपर काम हो गया, तो किसानों के लिए सिंचाई की समस्या दूर होगी। बिहार से जुड़ेगा गढ़वा: एनएच 39 ए की स्वीकृति मिली है। उससे गढ़वा कांडी होते हुए बिहार के नौहट्टा से जुड़ जाएगा। उसके लिए सोन नदी पर पुल निर्माण की शुरुआत होने की संभावना है।
रेल लाइन का दोहरीकरण : रेल यातायात सुदृढ़ करने की दिशा में भी पहल की गई है। गढ़वा रोड से सिंगरौली तक रेल दोहरीकरण का काम चल रहा है। बनकर तैयार हो जाए तो रेल यातायात सुगम होगा।
106 किलोमीटर बनेगी सड़क : वर्ष 2017 में पीएमजीएसवाई के तहत 35 सड़कों की अनुशंसा कर स्वीकृति के लिए सरकार के पास भेजा गया है। करीब 87 करोड़ रुपए की लागत से उक्त सड़कें बनेंगी।
सुदूर प्रखंड में भी होगी कनेक्टिविटी
अबतक दूरसंचार व्यवस्था की लचर स्थिति का खमियाजा भुगत रहे लोगों को 2017 में राहत मिलेगी। कनेक्टिविटी दुरुस्त करने के लिए पहले ही रेलटेल से जोड़ा गया है। वहीं प्रमंडल में सुदूरवर्ती इलाकों में 88 बीएसएनएल के टावर लगाए जा रहे हैं।
पंचायतों में होगी ब्रॉडबैंड की सुविधा
पंचायत सचिवालयों में भी इंटरनेट की सुविधा होगी। पहले फेज में योजनांतर्गत जिले के 20 पंचायतों को ब्रॉड बैंड से जोड़ा जा रहा है। वहीं पलामू जिले के 283 पंचायतों में ब्रॉड बैंड की सुविधा दी जा रही है।