लखनऊ.यूपी एसटीएफ ने लखनऊ के 7 पेट्रोल पंप पर छापा मारकर पेट्रोल-डीजल चोरी का पता लगाया है। यहां सप्लाई मशीन में चिप लगाकर इस चोरी को अंजाम दिया जा रहा था। चिप की कीमत महज 3 हजार रुपए है लेकिन पेट्रोल पंप मालिक हर रोज इससे 50 हजार रुपए की कमाई कर रहे थे। चिप को रिमोट के जरिए कंट्रोल किया जाता था। एक गिरफ्तार आरोपी के मुताबिक, उसने करीब एक हजार पेट्रोल पंप पर यह चिप लगाई थी।
एक हजार पेट्रोल पंप पर कस्टमर्स से धोखा…
एसटीएफ के एएसपी अरविंद चतुर्वेदी के मुताबिक, मुखबिर से मिली सूचना पर रविंद्र नाम के शख्स के बारे में जानकारी मिली थी। रविंद्र इलेक्ट्रिशियन है। रविंद्र ने ही ये चिप डेवलप की थी जो पेट्रोल पंप की डिस्पेंसिंग मशीनों में लगाई जाती थी। इसकी कीमत तीन हजार रुपए है। चिप लगने के बाद मशीन 6% तक कम पेट्रोल सप्लाई करती थी। रविंद्र ने पुलिस को बताया कि उसने यूपी के करीब एक हजार पेट्रोल पंप को यह चिप बेची थी। एएसपी के मुताबिक, रिमोट के जरिए पेट्रोल सप्लाई की लिमिट तय की जाती थी। अगर कोई कस्टमर एक लीटर पेट्रोल लेता था तो उसे हकीकत में 940 ml पेट्रोल ही मिलता था। यानी कस्टमर को 60 ml का नुकसान होता था।
दूसरे राज्यों में भी कस्टमर्स को चपत
एसटीएफ ने चौक-केजीएमयू के सामने पेट्रोल पंपों पर छापा मारकर कई मशीनें सील कर दीं। छापे की कार्रवाई में डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन, सप्लाय डिपार्टमेंट, ऑयल कंपनियों के रिप्रिजेंटेटिव्स और बांट माप तौल डिपार्टमेंट के अफसर शामिल थे। इस दौरान पेट्रोल पंपों की मशीनों में तेल चुराने के लिए लगाई गई चिप और उनके रिमोट बरामद हुए। एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक ने बताया कि पेट्रोल कम देने (घटतौली) के इस खेल में एक बड़े गैंग का हाथ है, जिसने यूपी के अलावा दूसरे राज्यों में भी पेट्रोल पंपों पर
चिप और रिमोट लगाया है।
कैसे होती थी धांधली?
पेट्रोल पंप में इस खेल में 2 से 3 लोग शामिल रहते थे। एक पेट्रोल डालता था और दूसरा कैश बैग लेकर खड़ा रहता था। बैग लेकर खड़े रहने वाला पैसों के साथ ही रिमोट रखता था। मौका मिलते ही वह रिमोट दबाकर घटतौली कर देता था। कुछ जगह पर इन दोनों के अलावा तीसरा कर्मचारी जेब में रिमोट लेकर खड़ा रहता था। एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि ये लोग ग्रीन सर्किट में चिप लगाकर खेल करते थे। कुछ जगह एमसीबी और कुछ जगह पैनल में सर्किट लगाया गया था।