नई दिल्ली: दो साल पहले 1993 मुंबई बम ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को उसके जन्मदिन पर गुरुवार की सुबह फांसी दी गई थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 1947 के बाद से देश में अब तक कुल 56 लोगों को फांसी दी गई है और याकूब मेमन भारत में फांसी की सजा पाने वाला 57वां अपराधी था। सुप्रीम कोर्ट ने आज निर्भया कांड में बड़ा फैसला करते हुये चारो दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय की फांसी की सजा बरकरार रखी है। गैंगरेप के चार दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय को फांसी पर लटकाया जाएगा। अब अगर इन चारों को फांसी लगती है तो ये संख्या 61 हो जाएगी।
14 मार्च 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी। दोषियों की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद तीन जजों की बेंच को मामले को भेजा गया और कोर्ट ने केस में मदद के लिए दो एमिक्स क्यूरी नियुक्त किए गए।
ग़ौरतलब है कि इस कांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था और निर्भया कांड नाम से चर्चित रहा था। शीर्ष अदालत ने चारों दोषियों- मुकेश, पवन, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह की अपीलों पर 27 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। चारों ने 13 मार्च, 2014 को उच्च न्यायालय द्वारा दोषी ठहराये जाने और सुनाई गयी मौत की सजा के खिलाफ अपील की थी।
आपको बता दें कि साल 2012 में 16 दिसंबर की रात को 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा के साथ दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में जघन्य तरीके से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उसे उसके एक दोस्त के साथ बस से बाहर फेंक दिया गया था। निर्भया का पहले दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में इलाज चल रहा था लेकिन बाद में 29 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में शिफ़्ट किया गया जहां उनकी मौत हो गयी थी।
निर्भया त्रासदी: आज़ाद भारत में याक़ूब मेमन के बाद बाद 58वें, 59वें, 60वें और 61वें व्यक्ति को लगेगी फांसी
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