Monday, September 1, 2025
HomeUncategorizedगर्मी का कहर : 137 सालों में लगातार दूसरा सबसे गर्म मार्च...

गर्मी का कहर : 137 सालों में लगातार दूसरा सबसे गर्म मार्च रहा इस बार

इस साल का मार्च महीना 137 सालों में दूसरा सबसे गर्म मार्च रहा। लगातार बढ़ रही गर्मी के आंकड़े जारी करते हुए नासा ने कहा है कि मार्च 2017 महीने में जो गर्मी पड़ी है उससे पिछले एक शताब्दी के रिकॉर्ड टूट गए हैं। यह मार्च 137 साल में दूसरा सबसे गर्म मार्च के रूप में दर्ज किया गया।
लेकिन इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि पिछले 137 सालों में पहला सबसे गर्म मार्च 2016 का रहा है यानी लगातार दूसरे साल बढ़े रहे पृथ्वी के तापमान ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। नासा ने कहा है कि 1951 से 1980 के बीच मार्च के औसतन तापमान से इस साल के मार्च में 1.12 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी हुई है। हालांकि यह तापमान भी मार्च 2016 के तापमान से थोड़ी कम है।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ दशकों में पृथ्वी का तापमान साल दर साल बढ़ता जा रहा है और इसका कारण ग्लोबल वॉर्मिंग और विकासशील देश हैं।
एक और रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्यादातर वैज्ञानिकों ने माना है कि धरती पर बढ़ती हुई मानव जनसंख्या ही ग्लोबल वॉर्मिंग का मुख्य कारण है। क्योंकि ज्यादा जनसंख्या से ज्यादा ग्रीन हाउस गैसेस बनती हैं जो पृथ्वी के तापमान में बढ़ोत्तरी करती हैं। बढ़ती जनसंख्या और उसकी जरूरतों की पूर्ति में कॉर्बन डाई ऑक्साई, मेथेन, नाइट्रस ऑक्साइड और क्लोरोफ्लोरो कार्बन जैसी गैसें वातारण में बढ़ती हैं। यही गैसें ग्रीन हाउस तैयार करती हैं जो ग्लोबल वॉर्मिंग का मुख्य कारण है।
ग्लोबल वॉर्मिंग को रोका नहीं गया और यदि पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ता गया तो यहां इंसान का जीना मुश्किल हो जाएगा। तापमान बढ़ने से ग्लैशियर पिघलेंगे और समुद्र तल में बढ़ोत्तरी होगी। कई टापू और आबादियां डूब जाएंगी।
तापमान बदला तो मौसम बदलेगा और मौसम बदला तो खाने वाली चीजों की पैदावार में भारी कमी होगी। पानी की भारी कमी होगी साथ ही हवा भी बदल जाएगी। इन सभी चीजों का परिणाम परिणाम यह होगा कि लोगों को तरह तरह की बीमारियां होंगी लोगों के व्यवहार, उम्र और लिंग में बदलाव होंगे। और सबसे पहले तो गर्मी से मरने वालों की संख्या में बेतहाशा इजाफा होगा।
बढ़ता तापमान जब इंसानों के लिए घातक साबित होगा तत छोटे जीव जन्तुओं, पक्षियों का क्या होगा इसका आप अंदाजा लगा सकते हैं।
अन्य देशों की तरह भारत में भी लगातार गर्मी में बढ़ोत्तरी हो रही है। लेकिन नासा ने अपने अध्ययन में तापमान के बढ़ने के मामले में जिन देशों को सबसे खतरनाक माना है उनमें रूस और अमेरिका सबसे आगे हैं।

RELATED ARTICLES
Continue to the category

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments