नई दिल्ली। केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने अपनी शैक्षिक योग्यता की जानकारी देने से दिल्ली विश्वविद्यालय को मना किया था। स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) को सुनवाई के दौरान यह बताया है। अब आयोग ने एसओएल को स्मृति की शिक्षा से जुड़े सभी रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया है।
साथ ही पहले के आदेश के तहत रिकॉर्ड पेश नहीं करने पर दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के केंद्रीय जनसूचना अधिकारी (सीपीआइओ) को नया कारण बताओ नोटिस जारी किया है। स्मृति की डिग्री को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उन्होंने 2004, 2011 और 2014 में चुनाव लड़ने के दौरान हलफनामे में विरोधाभासी जानकारियां दी थीं। कोर्ट में यह मामला खारिज हो गया था।
हालांकि सीआइसी में यह जीवित रहा। आरटीआइ आवेदन में यह कहा गया कि एसओएल ने स्मृति की शैक्षिक योग्यता देने से मना कर दिया। सीआइसी में सुनवाई के दौरान एसओएल के सीपीआइओ ओपी तंवर ने कहा कि थर्ड पार्टी सूचना होने के कारण उन्होंने इस बारे में स्मृति से संपर्क किया।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने आपत्ति जताई और शैक्षिक योग्यता की जानकारी नहीं देने को कहा। सीपीआइओ ने कहा कि पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री ने जिम्मेदार व्यक्ति की हैसियत से यह कहा था। इसलिए आरटीआइ कानून की धारा 8 (1)(ई) के तहत जानकारी नहीं दी जा सकती थी।
सूचना आयुक्त श्रीधर आचर्युलु ने कहा कि सवाल यह है कि क्या आवेदक वह सूचना मांग रहा है जो छात्र (स्मृति ईरानी) ने एसओएल को दी थी या फिर एसओएल की ओर से स्मृति को दी गई डिग्री की जानकारी चाह रहा है। इसका हल ढूंढने के लिए रिकॉड््र्स की जांच जरूरी है। गौरतलब है कि सीआइसी ने सोमवार को सीबीएसई को स्मृति ईरानी के 10वीं और 12वीं कक्षा के स्कूली दस्तावेजों को जांचने की मंजूरी दी थी।