मुंबई। कुर्ला रेलवे स्टेशन से चली लास्ट डीसी (डायरेक्ट करंट) लोकल ट्रेन के मुंबई सीएसटी (छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) स्टेशन पर पहुंचते ही सेंट्रल रेलवे के एक बड़े युग का अंत हो गया। एक शानदार विदाई समारोह के साथ मुंबई की लास्ट डीसी लोकल ट्रेन को एसी (अल्टरनेटिंग करंट) ट्रेन में बदल दिया गया। ट्रेन की लास्ट जर्नी को यादगार बनाने के लिए रेलवे ने कुर्ला और सीएसटी स्टेशनों पर भव्य समारोह का आयोजन किया था। इस ऐतिहासिक यात्रा के लिए रेलवे ने हवाई जहाज के टिकट से महंगा टिकट रखा था।
– फूलों से दुल्हन की तरह सजी ट्रेन जैसे ही प्लेटफॉर्म पर पहुंची ढोल-नगाड़ों और बैंड की धुन पर कलाकारों के साथ यात्रियों ने जमकर डांस किया।
– यह कुर्ला से शनिवार रात 11.30 बजे मुंबई सीएसटी स्टेशन के लिए रवाना हुई। इसे विदाई देने के लिए हजारों लोगों की भीड़ कुर्ला स्टेशन पर जमा थे।
– यह तकरीबन एक घंटे का सफर पूरा कर रात 12.30 मिनट पर मुंबई सीएसटी स्टेशन पर पहुंची। यहां पहुंचते ही ‘फ्लैश मॉब’ से इसका स्वागत किया गया।
– इसे विदाई देने के लिए कुर्ला से सीएसटी के बीच के स्टेशनों पर भी जश्न का आयोजन किया गया था।
– यात्रा को मजेदार बनाने के लिए ट्रेन में म्यूजिक बैंड का इंतजाम भी किया गया था।
– इस ट्रेन में आम लोगों के साथ-साथ रेलवे के कई बड़े अधिकारियों ने भी ट्रैवल किया।
– इस पूरे इवेंट को ऑर्गनाइज करने की जिम्मेदारी मुंबई के जे.जे स्कूल ऑफ आर्ट्स को दी गई थी।
– पीले और मरून रंग की डीसी लोकल ट्रेन मुंबई में 91 साल पहले शुरू हुई थी।
– इसका पहला सफर 3 फरवरी 1925 को सीएसटी और कुर्ला के बीच हार्बर लाइन पर शुरू हुआ था।
– शुरू में इस ट्रेन में सिर्फ तीन कोच लगे थे, जिसे समय के साथ बढ़ाया गया। प्रतिदिन इसमें 12 लाख यात्री ट्रेवल करते हैं।
– मुंबई की लाइफ लाइन कही जाने वाली ज्यादातर लोकल ट्रेनों को डीसी से एसी करंट में पहले ही तब्दील किया जा चुका था।
– सेंट्रल रेलवे इस अंतिम यात्रा को ऐतिहासिक बनाना चाह रहा था, इसलिए इसका टिकट 10 हजार रुपए रखा गया।
– यह टिकट हवाई जहाज के टिकट से भी महंगा था। इन टिकटों से जो कमाई रेलवे को हुई है उसे महाराष्ट्र में सूखे की मार झेल रहे किसानों की सहायता की जाएगी।
– इस मौके को और खास बनाने के लिए सीएसटी स्टेशन के स्टार चेंबर्स में रात 12:30 बजे से 3 बजे तक डीसी-एसी कन्वर्जन का सीधा प्रसारण किया गया।
– कन्वर्जन की इस प्रक्रिया में इसे 1500 डीसी से 25,000 वोल्ट के एसी ट्रैक्शन में डाला गया। सीएसटी की ऐतिहासिक इमारत में बने रूम में बैठ यात्री ट्रेन के कायाकल्प को लाइव देखा।