चैम्पियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में तीन टीमें पहुंच चुकी हैं और चौथी टीम का फैसला आज के मैच में हो जाएगा। इंग्लैंड, बांग्लादेश, भारत ने अपनी जगह पक्की कर ली है, जबकि चौथी टीम पाकिस्तान और श्रीलंका में से कोई एक होगी। पाकिस्तान और श्रीलंका में से कोई भी टीम सेमीफाइनल में पहुंचे लेकिन एक बात को तय है कि इस बार चैम्पियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में तीन एशियाई टीमें होंगी।
आईसीसी टूर्नामेंट में ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि सेमीफाइनल में चार में से तीन एशियाई टीमें ही हों। पिछली बार ऐसा 2011 वर्ल्ड कप में देखने को मिला था। भारत में हुए 2011 वर्ल्ड कप में ऐसा ही कुछ हुआ था और उसके बाद चैम्पियन कौन बना था ये किसी को याद दिलाने की जरूरत नहीं है।
2011 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड पहुंचे थे। भारत ने मोहाली में हुए सेमीफाइनल में पाकिस्तान को हराया था, जबकि श्रीलंका ने कोलंबो में न्यूजीलैंड को मात दी थी। तब फाइनल मैच भारत और श्रीलंका के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था, जहां उस समय के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने नॉटआउट 91 रनों की पारी खेलकर, छक्के के साथ टीम इंडिया को जीत दिलाई थी।
होस्ट इंग्लैंड के खिलाफ बाकी तीनों एशियाई टीमें सेमीफाइनल में पहुंच रही हैं। ग्रुप-ए में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के होते हुए भी बांग्लादेश ने सेमीफाइनल में जगह बनाई, जबकि ग्रुप-बी से दक्षिण अफ्रीका रविवार को भारत से हारकर बाहर हो चुकी है। श्रीलंका और पाकिस्तान में से कोई भी टीम सेमीफाइनल में पहुंचे, वहां तीन एशियाई टीमें ही रहेंगी। अगर श्रीलंका और पाकिस्तान के मैच के बीच कुछ बहुत बड़ा उलटफेर नहीं होता है, तो भारत और बांग्लादेश बर्मिंघम में दूसरे सेमीफाइनल में आमने-सामने होंगे। जबकि पहले सेमीफाइनल में इंग्लैंड का मुकाबला श्रीलंका-पाकिस्तान में से विजेता टीम से होगा।