नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में पैलेट गन के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि कश्मीर में शांति बनाने के लिए सरकार और लोगों में बातचीत होनी चाहिए। कोर्ट की इस बात का केंद्र सरकार ने विरोध जताया है। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से कहा कि केंद्र उन लोगों से बात नहीं करेगा, जो अलगाववादी नेता हैं और जो आजादी और स्वतंत्रता की बात करते हैं।
याचिकाकर्ता जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन का कहना है कि कश्मीर से अगर सुरक्षा बलों को हटाया जाए और पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए तो शांति के लिए बातचीत हो सकती है। इसके साथ याचिकाकर्ता चाहते हैं कि अलगावादियों को भी बातचीत में शामिल किया जाए, लेकिन कानून इसकी इजाजत नहीं देता। प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से बातचीत की है।
कोर्ट ने कहा कि हम सरकार को दो हफ्ते के लिए पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के आदेश देंगे और अगर वहां के लोग हिंसक प्रदर्शन बंद कर बातचीत करने का आश्वासन देंगे। कोर्ट ने याचिकाकर्ता जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन से कहा है कि वह कश्मीर के लोगों और प्रतिनिधियों से बातचीत कर ठोस सुझाव लेकर सुप्रीम कोर्ट आएं।
कोर्ट अब इस मामले में 9 मई को सुनवाई करेगा। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि कश्मीर में शांति के प्रयास के लिए पहला कदम है कि बातचीत शुरू की जाए।