Thursday, November 21, 2024
HomeUncategorizedसुप्रीम कोर्ट का 24 हफ्तों के गर्भपात संबंधी फैसला हमारी सामाजिक मान्यताओं...

सुप्रीम कोर्ट का 24 हफ्तों के गर्भपात संबंधी फैसला हमारी सामाजिक मान्यताओं पर आधारित, दूसरे पहलू पर भी करना चाहिए था गौर

सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में 24 माह से अधिक के गर्भ को अबॉर्ट करवाने की अनुमति देने से मना कर दिया. इतना ही नहीं माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में ये भी कहा कि यह तो भानुमती का पिटारा खोल देगा. इसके साथ ही कोर्ट ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि एक शादीशुदा और एक बच्चे की मां को यह पता कैसे नहीं चला कि वह गर्भवती है. इस फैसले पर एक नए सिरे से बहस छिड़ी है कि माननीय न्यायालय को महिलाओं के नजरिए से भी विचार करना चाहिए था. 

महिला को देना होगा उसके शरीर पर हक

सुप्रीम कोर्ट ने 24 हफ्तों के गर्भपात को लेकर जो भी फैसला दिया है, वह एक तरह से हमारे समाज की जो मान्यता है, उतने ही सीमित ढंग से सोचा है. उन्होंने ये बात ध्यान नहीं रखी है कि जब एक संतान पैदा होती है तो केवल गर्भ में रखना और जन्म देना ही महिला की जिम्मेदारी नहीं होती है, बल्कि उसका पालन-पोषण करना, उसको बड़ा करना और इस सबमें जो खर्चा आएगा, वो भी महिला की जिम्मेदारी है. हमारे यहां चूंकि कोई जॉइंट पैरेंटिंग का कोई कॉन्सेप्ट नहीं है, तो अधिकांश पति कोई जिम्मेदारी नहीं लेते. यह तो नहीं कहा जा सकता कि कोई पति नहीं लेता है, लेकिन अधिकांश पति कोई जिम्मेदारी नहीं उठाते. ऐसे में अगर महिला को ये चॉइस नहीं होगी कि वह चाहे तो बच्चा पैदा करे, नहीं चाहे तो बच्चा पैदा नहीं करे, इसमें शादीशुदा और कुंआरी का कोई फर्क नहीं है. अगर महिला का शरीर है, बच्चा पैदा कर अगर वो उसे उसे पालना चाहती है तो उसको ये पसंद देनी होगी, उसको ये मौका देना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहीं ये नहीं कहा कि पुरुष की भी जिम्मेदारी है उसे पालने में, सुप्रीम कोर्ट ने यह नहीं कहा कि जॉइंट पैरेंटिंग की जिम्मेदारी हमारे देश में एक सिद्धांत के तौर पर विकसित होनी चाहिए. यह जरूर कह दिया है कि महिला चूंकि शादीशुदा है तो बच्चा पैदा करना और पालना उसकी जिम्मेदारी है. यह महिला का शरीर है, तो उसको पूरा हक होना चाहिए, पूरी चॉइस होनी चाहिए. 

RELATED ARTICLES
Continue to the category

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments