India vs Sri Lanka: वर्ल्ड कप मैच के दौरान और बाद में होने वाली आतिशबाजी का मजा दर्शकों को मुंबई और दिल्ली के मुकाबलों में नहीं मिल सकेगा। बिगड़ती हवा गुणवत्ता के बीच हाल ही में BCCI ने दोनों शहरों में आतिशबाजी नहीं करने का ऐलान किया है। खास बात है कि गुरुवार को वानखेड़े स्टेडियम में भारत का मुकाबला श्रीलंका (Ind vs SL) से होगा और सोमवार को फिरोजशाह कोटला में बांग्लादेश बनाम श्रीलंका (Ban vs SL) खेला जाना है।
BCCI सचिव जय शाह ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, ‘मैंने यह मामला औपचारिक रूप से ICC के सामने उठाया है और मुंबई और दिल्ली में कोई आतिशबाजी नहीं होगी। ये प्रदूषण स्तर को बढ़ा सकते थे। बोर्ड पर्यावरण से जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है और हमेशा प्रशंसकों और हितधारकों के हितों को आगे रखता है।’
उन्होंने कहा, ‘BCCI मुंबई और दिल्ली दोनों शहरों में हवा की गुणवत्ता को लेकर जारी चिंताओं को मानता है…।’
रिपोर्ट में बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया गया कि मुंबई और दिल्ली में आतिशबाजी पर रोक लगाकर बोर्ड एक मजबूत संदेश दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘यह जनहित में एक संदेश है, जो नागरिकों के बीच पर्यावरण को लेकर जागरूकता बढ़ाएगा। यह मिसाल कायम करने और समाज में बड़े बदलाव को लाने का एक तरीका है।’
दिल्ली और उसके आसपास वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में
दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में मंगलवार को धुंध छाई रही और लगातार चौथे दिन राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। पुणे स्थित भारतीय ऊष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान द्वारा विकसित संख्यात्मक मॉडल-आधारित प्रणाली के अनुसार, वर्तमान में शहर की खराब वायु गुणवत्ता में वाहन उत्सर्जन (11 प्रतिशत से 16 प्रतिशत) और पराली जलाने (सात प्रतिशत से 16 प्रतिशत) का सबसे ज्यादा योगदान है।
शहर का 24 घंटे का औसत एक्यूआई 359 दर्ज किया गया, जो इस मौसम में अब तक का सबसे अधिक एक्यूआई है। 24 घंटे का औसत एक्यूआई सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261, बृहस्पतिवार को 256, बुधवार को 243 और मंगलवार को 220 दर्ज किया गया था।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
बंबई उच्च न्यायालय ने शहर में वायु गुणवत्ता में गिरावट पर मंगलवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए चिंता व्यक्त की। मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ ने इस मामले पर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार, बृहन्मुंबई महानगरपालिका, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) से जवाब मांगा।