–यह असम में तिनसुकिया जिले के ढोला तथा सदिया को जोड़ता है।
–यह मुंबई के बांद्रा वर्ली सी लिंक पुल से 3.55 किलो मीटर लंबा है।
–यह पुल देश की सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए रणनीतिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण है।
–यह पुल असम की राजधानी दिसपुर से 540 किलो मीटर तथा अरूणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर से 300 किलो मीटर दूर है।
–चीनी सीमा से इस पुल की हवाई दूरी महज 100 किलोमीटर है।
–यह पुल पूर्वी क्षेत्र के दूर–दराज के लोगों को देश के अन्य हिस्सों से जुडऩे के लिए सुविधा मुहैया कराएगा, जो अभी तक नौका के जरिए कहीं भी आने–जाने के लिए विवश थे।
–इस पुल के निर्माण का कार्य 2011 में शुरू हुआ था तथा इसके निर्माण पर 50 करोड़ रुपए लागत आई है।
–यह उतर–पूर्व में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की मुख्य परियोजना था तथा इसे सार्वजनिक निजी भागीदारी में बनाया गया है।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र को नयी उंचाइयों पर ले जाने के लिए काम कर रही है और असम को दक्षिण पूर्व एशिया में व्यापार के केन्द्र के रूप में विकसित करना चाहती है।
मोदी ने तिनसुकिया में ब्रह्मपुत्र नदी पर बने धौला–सादिया पुल को राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि ‘लुक ईस्ट पालिसी‘ के तहत सरकार दक्षिण पूर्व एशिया में व्यापार के क्षेत्र में असम को प्रमुख केन्द्र बनाना चाहती है और इसके लिए कोई कोर कसर नहीं रखी जायेगी। पूर्वोत्तर क्षेत्र को वह विकास की नयी ऊंचाई पर ले जाना चाहते हैं और इसके लिए रेल, सड़क, संचार और बिजली की सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। इस क्षेत्र में रेलवे का विकास सरकार की प्राथमिकता है।
उन्होंने भावनाएं है। इससे इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इस क्षेत्र में जल परिवहन की भी भरपूर संकहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है और यहां पर्यटन को बढावा देने की भरपूर संभावना है और इसकी शुरुआत असम में ब्रह्मपुत्र नदी से की जा सकती है। जल परिवहन काफी सस्ता होता है और यह पर्वायवरण के अनुकूल भी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पुल के माध्यम से असम और अरुणाचल प्रदेश की दूरी काफी कम होगी और व्यापार को बढ़ावा मिल सकेगा जिससे इस क्षेत्र में आर्थिक खुशहाली आयेगी। इस पुल के कारण दोनों राज्यों के लोगों के आवागमन के समय की काफी बचत होगी और प्रतिदिन 10 लाख रुपये का ईधन बचेगा।
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर पिछले तीन साल के दौरान जितनी राशि खर्च की गयी है उतना दस पन्द्रह साल में खर्च किया जाता। उन्होंने राज्य की सोनोवाल सरकार के कामकाज की सराहना करते हुए कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार कंधे से कंधा मिलाकर काम करेगी।
देश के सबसे लंबे पुल धौला–सादिया के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिनसुकिया के लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पिछले 5 दशकों से यहां के लोग इस पुल का इंतजार कर रहे थे। आज इस पुल के शुरू हो जाने के बाद से कम–कम से कम पांच से छह घंटों की बचत होगी और यहां आर्थिक क्रांति आएगी। विकास के रास्ते खुलेंगे। दस लाख रुपये के डीजल–पेट्रोल की बचत होगी। पीएम ने धौला–साकिया पुल का नाम बदलकर भूपेन हजारिका करने की बात कही।
पीएम मोदी अगर अटल बिहारी वाजपेयी का सरकार दोबारा जीतकर आई होती तो यह ब्रिज आपको 10 साल पहले मिल गया होता। यह बात निश्चित है कि अगर विकास को स्थायी रूप देना हो, स्थायी रूप से विकास को गति देनी है तो मूलभूत ढांचा पहली शर्त है।
पीएम ने किया पुल का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के सबसे लंबे नदी पुल धौला–सदिया सेतु का उदघाटन किया। लोहित नदी के उपर बने इस पुल का एक छोर अरुणाचल प्रदेश के ढोला में और दूसरा छोर असम के सदिया में पड़ता है।
असम में तिनसुकिया जिले के सदिया में 2,056 करोड़ रुपये की लागत से बने इस रणनीतिक पुल का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री कुछ दूरी तक इस पर चले ।
असम में तिनसुकिया जिले के सदिया में 2,056 करोड़ रुपये की लागत से बने इस रणनीतिक पुल का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री कुछ दूरी तक इस पर चले ।
इसके बाद प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, असम के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, मुख्यमंत्री सबार्नंद सोनोवाल तथा अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को लेकर एक वाहन इस पुल के उपर से गुजरा। यह सेतु 9.15 किलोमीटर लंबा किलोमीटर लंबा है और मुंबई स्थित बांद्रा वर्ली सी लिंक से 3.55 किलोमीटर अधिक लंबा है।
इस पुल के बन जाने से सामरिक रूप से महत्वपूर्ण असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच यात्रा करने में लगने वाले समय में चार घंटे की कमी आएगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सीमावर्ती राज्य अरुणाचल प्रदेश तक सैनिकों और आर्टिलरी के त्वरित गमन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पुल को टैंकों के आवागमन के हिसाब से डिजाइन किया गया है।
चीन सीमा के नजदीक ब्रह्मपुत्र नदी पर बने देश के सबसे लंबे धौला–सादिया पुल को देश को समर्पित कर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इसका उद्गाटन किया। उद्घाटन के बाद पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पुल पर सफर कर इसका जायजा ले रहे हैं। असम से अरुणाचल को जोड़ने वाला यह पुल 9.15 किलोमीटर लंबा है।
इससे पहले गुवाहाटी पहुंचने के बाद हवाई अड्डे पर ही असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनवाल ने पीएम मोदी को फुल का गुलदस्ता देकर स्वागत किया। वहीं कुछ अन्य बड़े मंत्री व नेता वहां मौजूद थे।
मोदी ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को उनकी सरकार के एक साल पूरा होने पर बधाई भी दी। 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को जबरदस्त जीत दिलाने के बाद उस साल 26 मई को मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी।
प्रधानमंत्री मोदी असम से ही तीसरी सालगिरह पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए सादिया जिले में ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाए गए 9.15 किलोमीटर लंबे पुल का भी उद्घाटन किया। यह भारत का सबसे लंबा पुल है। यह पुल दो राज्यों असम और अरुणाचल प्रदेश को आपस में जोड़ेगा। इस पुल पर भारी से भारी सामान ले जाना भी संभव होगा।