जर्मनी के हैम्बर्ग में हो रहे जी 2 सम्मेलन में आतंकवाद एक प्रमुख मुद्दा है. भारत ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी 20 में आतंकवाद पर एक्शन प्लान का स्वागत करते हुए 11 सूत्रीय एजेंडा लागू करने की सिफारिश की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट कर बताया कि आज जी 20 सम्मेलन में पीएम मोदी ने आतंकवाद से लड़ने के लिए 11 सूत्र सुझाए. इसमें सबसे प्रमुख प्वाइंट ये है कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों पर भी कार्रवाई जरूरी है. ऐसे देशों के अधिकारियों का जी 20 देशों में प्रवेश पर पाबंदी लगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 शिखर बैठक में पाकिस्तान का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कहा कि कुछ देश आतंकवाद का इस्तेमाल राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कर रहे हैं. मोदी ने कहा कि आतंकवाद को लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया कमजोर है. मोदी ने पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद की तुलना आईएसआईएस और अलकायदा से करते हुए कहा कि इनके नाम भले ही अलग हों, लेकिन इनकी विचारधारा एक ही है.
बता दें कि जी 20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी कल ही इजरायल से सीधे जर्मनी पहुंचे थे. आज यहां सभी नेताओं ने एक दूसरे के साथ औपचारिक मुलाकात भी की. इसके अलावा यहां ब्रिक्स देशों भारत, रूस, चीन. द. अफ्रीका, ब्राजील के नेताओं ने बैठक भी की. इसमें मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक दूसरे को सराहा भी.
जी-20 देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, फ़्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ़्रीका, द. कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन, अमरीका और यूरोपीय संघ शामिल हैं जो विश्व के कुल आर्थिक उत्पादन के 85% का और कुल जनसंख्या के 60 % का प्रतिनिधित्व करते हैं.
इस बार जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान आतंकवाद से मुकाबला और आर्थिक सुधार जैसे मुद्दों के छाए रहेंगे. साथ ही मुक्त और खुला व्यापार, जलवायु परिवर्तन, आव्रजन, सतत विकास और वैश्विक स्थायित्व जैसे विषयों पर भी चर्चा हो सकती है. शनिवार को शिखर सम्मेलन का समापन सत्र होगा. इसके बाद जी-20 नेताओं की ओर से संयुक्त बयान जारी किया जाएगा.