Maharashtra News: अचानक ‘सक्रिय राजनीति’ छोड़ने का फैसला करने के एक दिन बाद पूर्व सांसद और बीजेपी नेता नीलेश एन. राणे (Nilesh Rane) ने अपना मन बदल लिया है. वह सिंधुदुर्ग और तटीय कोंकण क्षेत्र के अन्य जिलों में पार्टी के लिए काम करना जारी रखेंगे. केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) के बेटे नीलेश राणे का यह कदम बुधवार को मुंबई में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और पीडब्ल्यूडी मंत्री रवींद्र चव्हाण के साथ मैराथन बैठक के बाद आया.
बैठक से बाहर निकलते हुए रवींद्र चव्हाण ने कहा कि उन्होंने करीब दो घंटे तक राजनीतिक मतभेदों को सुलझाने के लिए विभिन्न मुद्दों पर फडणवीस के साथ चर्चा की. रवींद्र चव्हाण ने कहा, ”हमने नारायण राणे और अब फडणवीस के साथ भी इस पर चर्चा की. हमारा रुख यह है कि निचले स्तर पर पार्टी के लिए काम करने वाले सामान्य कार्यकर्ताओं के साथ कोई अन्याय नहीं होना चाहिए.”
राणे को दिया गया यह आश्वासन
नीलेश राणे द्वारा उठाए गए मुद्दों पर भी पार्टी नेतृत्व विचार कर निर्णय लेगा और कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान किया जाएगा. चव्हाण ने नीलेश राणे से ‘सक्रिय राजनीति’ छोड़ने के फैसले को आगे नहीं बढ़ाने का भी आग्रह किया और आश्वासन दिया कि आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने वाले किसी भी व्यक्ति को कोई समस्या नहीं होगी. अब पार्टी नीलेश राणे के साथ सिंधुदुर्ग जिले के साथ-साथ पूरे कोंकण क्षेत्र में बिना किसी परेशानी के काम करेगी. हालांकि, चव्हाण के साथ मौजूद नीलेश राणे ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की.
नीलेश की घोषणा के बाद से ही मनाने में जुट गए थे करीबी
रिपोर्ट के अनुसार, कथित अंदरूनी लड़ाई और सिंधुदुर्ग में चव्हाण खेमे के कथित हस्तक्षेप से आहत नीलेश राणे ने मंगलवार को अचानक ‘सक्रिय राजनीति’ से बाहर निकलने और कोई चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था. जब उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर घोषणा की तो, बीजेपी हलकों में खलबली मच गई. राज्य और कोंकण के कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें पीछे हटने और पार्टी में पहले की तरह काम करना जारी रखने के लिए मनाने की कोशिश की.