राजस्थान कांग्रेस चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर गुरुवार को सुबह ईडी की टीम पहुंच गई। इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को भी एजेंसी ने पूछताछ के लिए तलब किया है। केंद्रीय एजेंसी ने राज्य में कई जगहों पर एक साथ छापेमारी की, इनमें निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुडला के 7 ठिकाने भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि हुडला को कांग्रेस ने महुवा सीट से प्रत्याशी भी बनाया है। ऐसे में कांग्रेस से जुड़े लोगों पर चुनाव से ठीक पहले ईडी के ऐक्शन से सियासी तापमान भी बढ़ गया है। ऐक्शन के तुरंत बाद खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट भी किया है और इसे कांग्रेस की चुनावी गारंटियों से जोड़ा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह जी डोटासरा के यहां ED की रेड। मेरे बेटे वैभव गहलोत को ED में हाज़िर होने का समन। अब आप समझ सकते हैं, जो मैं कहता आ रहा हूँ कि राजस्थान के अंदर ED की रेड रोज़ इसलिए होती है क्योंकि भाजपा ये नहीं चाहती कि राजस्थान में महिलाओं को, किसानों को, गरीबों को कांग्रेस द्वारा दी जा रही गारंटियों का लाभ मिल सके।’
इससे पहले उन्होंने लिखा कि 25 तारीख को ही कांग्रेस ने अपनी गारंटियां लॉन्च की थीं और उसके अगले ही दिन कांग्रेस के नेताओं पर ईडी ने ऐक्शन शुरू कर दिया।’ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दोपहर को मीडिया को भी बातचीत के बुलाया है। माना जा रहा है कि वह ईडी के ऐक्शन पर ही बात रखेंगे। खासतौर पर चुनाव के बीच ईडी की छापेमारी को कांग्रेस भाजपा की खीज बता सकती है।
पायलट ने बताया डराने की कोशिश
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और पेपर लीक घोटाले को अपनी ही सरकार के खिलाफ मुद्दा बनाते रहे सचिन पायलट ने पीसीसी चीफ के आवास पर छापेमारी की आलोचना की है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा जी के यहां ED की रेड की मैं कठोर शब्दों में निंदा करता हूं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी के पुत्र वैभव गहलोत को भी ED का सम्मन दिया गया है। भाजपा इस तरह के हथकंडों से कांग्रेस के नेताओं को डरा नहीं सकती। प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता एकजुटता से साथ खड़े हैं। इस प्रकार की कार्यवाही से भाजपा की घबराहट साफ दिखाई देती है, क्योंकि जनता आगामी चुनावों में राजस्थान में फिर कांग्रेस की सरकार लाने का मन बना चुकी है।’