शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गए आम आदमी पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता मनीष सिसोदिया को गुरुवार को राउज ऐवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। शराब घोटाले की सुनवाई के लिए सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने उन्हें अदालत में पेश किया। कोर्ट ने सीबीआई को कुछ निर्देश देने के बाद मामले की सुनवाई 22 नवंबर तक टाल दी है। सिसोदिया की न्यायिक हिरासत भी तब तक के लिए बढ़ा दी गई है। सिसोदिया की न्यायिक हिरासत ऐसे समय पर बढ़ाई गई है जब सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत याचिका लंबित है। सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल की अदालत में पेश किया गया। कोर्ट को बताया गया कि मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा हुआ है। कोर्ट ने सीबीआई को मामले में आरोपियों को तीनों चार्जशीट से जुड़े दस्तावेजों की प्रति देने का निर्देश दिया। इसके अलावा आरोपियों को सीबीआई मुख्यालय के मालखाने में रखे हुए दस्तावेजों की जांच के लिए जांच अधिकारी को अर्जी देने को कहा। कोर्ट ने सीबीआइ से यह भी कहा कि आरोपियों के अधिवक्ता को रोज दोपहर दो से शाम सात बजे बजे तक का समय दस्तावेजों की जांच के लिए दिया जाए।
संक्षिप्त सुनवाई के बाद कोर्ट ने सीबीआई केस की सुनवाई 22 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी है। कोर्ट में पेशी के लिए लाए गए सिसोदिया मुस्कुराते हुए अपने वकीलों से बात करते दिखे। सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई के अलावा ईडी भी जांच कर रही है।
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री फरवरी अंत में गिरफ्तार किए गए थे और तब से उन्हें तिहाड़ जेल में रखा गया है। केंद्रीय जांच एजेंसियों का दावा है कि आबकारी मंत्री रहते हुए सिसोदिया ने 2021 में जो आबकारी नीति बनाई उसमें शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया और बदले में आम आदमी पार्टी के नेताओं को रिश्वत मिली। हालांकि, दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी आरोपों को पुरजोर तरीके से खारिज करती रही है।