नई दिल्ली : विदेश मंत्री वर्तमान में वियतनाम यात्रा पर हैं। आज उन्होंने वहां के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह से मुलाकात की और उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिनंदन दिया।विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने एक्स पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में आगे विकास के लिए उनका मार्गदर्शन महत्वपूर्ण रहा। एक मजबूत भारत-वियतनाम साझेदारी स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध हिन्द-प्रशांत में योगदान देगी।इससे पहले विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर और उनके समकक्ष बुई थान सोन ने आज हनोई में 18वें भारत-वियतनाम संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता की। विदेश मंत्री ने बैठक को सार्थक बताया और कहा कि विश्वास है कि आने वाले वर्षों में हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होगी।उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच हुई चर्चाओं में राजनीतिक, रक्षा और समुद्री सुरक्षा, न्यायिक, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, विकास, शिक्षा और प्रशिक्षण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग शामिल था। साथ ही भारत-प्रशांत क्षेत्र, वैश्विक मुद्दों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और विभिन्न बहुपक्षीय समूहों में हमारे सहयोग पर दृष्टिकोण भी साझा किया गया।
विदेश मंत्री ने ‘हिन्द-प्रशांत में भारत’ विषय पर वियतनाम की डिप्लोमैटिक अकादमी को संबोधित भी किया। उन्होंने हिन्द-प्रशांत निर्माण में सहयोग करने में समाये साझा हितों पर चर्चा की। आसियान की केंद्रीयता के महत्व को रेखांकित किया और क्वाड के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे भारत और वियतनाम अपनी स्वतंत्र सोच के साथ बहुध्रुवीय और नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था को बढ़ावा दे सकते हैं।जयशंकर ने वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के बाहरी संबंध आयोग के अध्यक्ष ले होई ट्रुंग के साथ भी विचारों का उपयोगी आदान-प्रदान किया। विदेश मंत्री ने कहा कि इस दौरान प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भारत और वियतनाम का एक सा दृष्टिकोण स्पष्ट उभरकर आया है।
विदेश मंत्री ने अपने समकक्ष बुई थान सोन के साथ संयुक्त रूप से भारत और वियतनाम के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने वाले स्मारक टिकटों का अनावरण किया। कलारीपयट्टु और वोविनम को दर्शाने वाले टिकट खेल के प्रति दोनों देशों की साझा आत्मीयता को दर्शाते हैं और मजबूत सांस्कृतिक, सामाजिक और लोगों से लोगों के संबंधों का जश्न मनाते हैं।उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर रविवार को वियतनाम और सिंगापुर की छह दिवसीय यात्रा पर हनोई पहुंचे थे। वियतनाम से जयशंकर 19 से 20 अक्टूबर तक सिंगापुर की यात्रा पर रहेंगे।