Sunday, November 24, 2024
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स्कूली बच्चों की ‘वन नेशन-वन आईडी’ की तर्ज पर बनेगी यूनिक अपार आईडी

APAAR ID: जिस तरह वन नेशन-वन आईडी की बात होती रही है, उसी तरह अब स्कूली बच्चों के लिए भी एक आईडी की योजना पर केंद्र सरकार काम कर रही है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय देश के स्कूली बच्चों के लिए यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर लाने की योजना पर काम कर रही है. इसे ऑटोमेटेड परमानेंट अकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री- अपार (APAAR) कहा जाएगा और ये प्री-प्राइमरी से लेकर हायर एजूकेशन तक के बच्चों के लिए एक भारतीय आई़़डी होगी. बताया जा रहा है कि ये आधार आईडी से जुड़ी होगी और स्टूडेंट्स की एकेडमिक यात्रा या उपलब्धियों का पूरा लेखा-जोखा इसमें होगा.

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए निश्चित तौर पर हर बच्चे के माता-पिता या अभिभावक की मंजूरी ली जाएगी. जानकारी के मुताबिक एक देश-एक स्टूडेंट आईडी की योजना के तहत छात्रों की यूनिक आईडी के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय बच्चों के आधार कार्ड के जरिए उनके नाम-पते, जन्म की तारीख और फोटो समेत कई जानकारियां जुटा रहा है और स्कूल मैनेजमेंट्स, स्टूडेंट्स के माता-पिता से ये जानकारी मांगनी शुरू कर चुके हैं.

क्या होगा अपार आईडी से

  • अपार आईडी से किसी भी छात्र-छात्रा का सारा एकेडमिक रिकॉर्ड, स्पोर्ट्स एक्टिविटीज, एक्स्ट्रा करीकुलर एक्टिविटीज या अन्य शैक्षणिक गतिविधियों का सारा डेटा एक साथ आ जाएगा और आसानी से मिल सकेगा.
  • ऑटोमेटेड परमानेंट अकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री या अपार आईडी से छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप, एजूकेशन लोन, अवॉर्ड्स, सरकारी स्कीमों का बेनेफिट लेने में आसानी होगी.
  • किसी भी पेरेंट्स को स्कूल बदलवाने पर ये अपार आईडी बदलवाने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि ये आधार नंबर से जुड़ा यूनिक स्टूडेंट आईडी रहेगा. पूरे देश में किसी भी राज्य में चले जाएं स्कूल में दाखिला करवाने पर ये स्टूडेंट आईडी सेम रहेगी.
  • न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत भारत सरकार ये स्टूडेंट आईडी की पहल पर काम कर रही है और इसका इस्तेमाल सिर्फ एकेडमिक इस्तेमाल के लिए किया जाएगा.

क्या है इसे लाने का उद्देश्य

देश में एक समान एजूकेशन इकोसिस्टम लाने के उद्देश्य से ये कदम लिया जा रहा है और इसके जरिए सरकार को किसी का भी लाइफलॉन्ग आईडी नंबर बनाने में आसानी होगी और इसे आधार से भी लिंक किया जाएगा.

सरकार को इससे स्कूल ड्रॉपआउट्स या स्कूल छोड़ने वालों का डेटा मिल पाएगा जिसके जरिए उन्हें फिर से एजूकेशन सिस्टम से जोड़ने के लिए डेटा मिल पाएगा.

इस आईडी से एक डिजीलॉकर इकोसिस्टम भी बन पाएगा जिसके जरिए बच्चे अपने रिपोर्ट कार्ड्स, हेल्थ कार्ड्स, ओलंपियाड या स्पोर्ट्स अचीवमेंट्स संबंधित सर्टिफिकेट, कल्चरल एक्टिविटीज से जुड़े सर्टिफिकेट या डेटा को एक जगह रख पाएंगे. 

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